नई दिल्ली, नैन्सी पेलोसी की यात्रा के चलते ताइवान को चीन की तरफ से भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। इसी बीच चीन ने इसकी शुरुआत कर दी है और ताइवान पर एक के बाद एक कई आर्थिक और व्यापारिक प्रतिबंधों की घोषणा की गई है। इसे एक प्रकार से नैन्सी पेलोसी की ताइवान यात्रा का साइड इफेक्ट ही माना जा रहा है। यह प्रतिबंध चीन के सीमा शुल्क प्रशासन और वाणिज्य विभाग की तरफ से जारी किए गए हैं।
चीन ने ताइवान पर प्रतिबंधों की घोषणा की
दरअसल, अमेरिकी हाउस स्पीकर नैन्सी पेलोसी की यात्रा के मद्देनजर चीन ने बुधवार को ताइवान पर प्रतिबंधों की घोषणा की है। उसने ताइवान से फल और मछली के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया, जबकि रेत के शिपमेंट को रोक दिया है। चीन के सीमा शुल्क प्रशासन ने बुधवार को बताया कि वह ताइवान से कुछ खट्टे फलों के आयात को निलंबित कर देगा। हालांकि इसका कारण चीन ने कुछ और ही बताया है।
ताइवान के लिए यह एक बड़ा झटका
एक नोटिस में चीन के वाणिज्य विभाग ने मंत्रालय ने कहा कि वह विवरण प्रदान किए बिना बुधवार से ताइवान को प्राकृतिक रेत के निर्यात को निलंबित कर देगा। ताइवान के लिए यह भी एक झटका माना जा रहा है क्योंकि प्राकृतिक रेत का उपयोग आमतौर पर कंक्रीट और डामर के उत्पादन के लिए किया जाता है। ताइवान की अधिकांश आयातित रेत और बजरी चीन से ही आती है।
आने वाले दिनों में और प्रतिबंधों की आशंका
अपनी एक रिपोर्ट में न्यूज एजेंसी एएफपी ने कंसल्टेंसी ट्रिवियम चाइना के एक कृषि विश्लेषक के हवाले से बताया कि यह कदम बीजिंग के लिए सामान्य पैटर्न का हिस्सा है लेकिन ताइवान के लिए भारी पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में कृषि और खाद्य व्यापार में और व्यवधान आने की आशंका है। उन्होंने एएफपी को बताया कि जब राजनयिक-व्यापारिक तनाव अधिक चल रहा होता है, तो चीनी नियामक आमतौर पर बेहद सख्त रुख अपनाते हैं।
चीन ताइवान का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार
रिपोर्ट में आधिकारिक आंकड़ों से बताया गया है कि चीन ताइवान का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार और निर्यात बाजार है, जिसका द्विपक्षीय व्यापार 2021 में सालाना 26 प्रतिशत बढ़कर 328 अरब डॉलर हो गया है। हालांकि यह पहली बार नहीं है जब चीन ने ताइवान के निर्यात को लक्ष्य बनाया है। चीन ने मार्च 2021 में कीटों की खोज का हवाला देते हुए अनानास के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया था।
चीन ने नियामक उल्लंघनों का हवाला दिया
उधर नवीनतम प्रतिबंधों के बाद ताइपे की कृषि परिषद ने कहा कि चीन ने मत्स्य उत्पादों, चाय और शहद सहित अन्य ताइवानी सामानों के आयात को निलंबित करने में नियामक उल्लंघनों का हवाला दिया। फिलहाल 2016 में राष्ट्रपति त्साई इंग-वेन के पदभार संभालने के बाद से बीजिंग ने ताइवान पर दबाव बढ़ा दिया है, क्योंकि वह ताइवान को एक संप्रभु राष्ट्र के रूप में देखती है और ‘एक चीन’ का हिस्सा नहीं मानती हैं।