Pan Baba Karaundi Kalan: धर्म हमें आगे बढ़ना सिखाता है…. जीवन की कला सिखाता है… और समाज में रहने का तौर-तरीका बताता है…. भारत गांवों का देश है ऐसे में यहां अगर गांवों की परम्पराएं व रीत रिवाज की बातें न हों तो कुछ अधूरा सा लगता है।
नमस्कार, ई रेडियो इंडिया में आपका स्वागत है। सुल्तानपुर जनपद का करौंदीकला ब्लॉक में वैसे तो श्रीराम जी के अनन्य भक्त पवनसुत हनुमान जी की महिमा घर-घर गुंजायमान हो रही है… लेकिन यहां पर ग्राम देवता के पूजे जाने की प्रथा भी बहुत पुरानी है। ऐसा ही एक स्थल है पान बाबा…. यहां पर जनेऊ, पान, खड़ाऊं व लंगोट से लेकर मिष्ठान व अन्य भोज्य पदार्थों को पान बाबा को समर्पित किया जाता है…
करौंदीकला ब्लॉक में आने वाले ग्राम काशीपुर में स्थित पानबाबा देवस्थान वर्षों पुराना है, यहां लोग पूजा पाठ करने आते हैं और मन की शांति के लिए विभिन्न आयोजन भी करते हैं। वार्षिक उत्सव व अन्य कार्यक्रमों में क्षेत्रवासियों के साथ पं. रविन्द्र मिश्र का योगदान हो या जनप्रतिनिधियों द्वारा यहां पर अन्य आयोजनों को करने का मामला…. पानबाबा सदैव लोगों के लिए पूज्यनीय रहे हैं….
यहां मौजूद वर्षों पुराना पलास का वृक्ष है जिसे आम बोलचाल की भाषा में ढाक भी कहते हैं… इसके अलावा पीपल का वर्षों पुराना पेड़ जो वर्तमान में दर्जनों एअर कंडीशन को मात देने के लिए पर्याप्त है… धार्मिक लिहाज से ये दोनो वृक्ष सनातन सभ्यता में सशक्त स्तम्भ माने जाते हैं…
यहां लगने वाले वार्षिक मेले में आज पास के दर्जनों गांवों के लोग मौजूद होते हैं। ग्राम देवता के रूप में पान बाबा की मान्यता इतनी प्रखर है कि यदि इस स्थान पर मन में कोई प्रकट हुई तो उसका पूरा होना तय है… यहां पर प्रति वर्ष चार नवंबर को विशाल मेले का आयोजन किया जाता है… इसकी तैयारी यहां के किसान पहले से ही करना शुरू कर देते हैं….
सुल्तानपुर हेड क्वार्टर से लगभग 55 किलोमीटर दूर स्थित यह स्थान अब किसी परिचय का मोहताज नहीं रह गया है यहां प्रतिवर्ष होने वाले वार्षिक अखण्ड मानस पाठ में शामिल होने के लिए 4 नवंबर को दूर-दराज के क्षेत्रों से लोग पहुंचते हैं। एक बार आप भी आएं और अध्यत्म के अनोखे संगम में गोता लगाएं…. वीडियो पसंद आई हो तो चैनल सब्सक्राइब करें और फेसबुक पर देख रहे हैं तो फालो करें…