प्रश्न: 🟤मुझे ऐसा समझ में आया, कि आपने कहा कि सब मन के रोग प्रेम की कमी से पैदा होते हैं। 🧘♀️निश्चित ही मन के सभी रोग प्रेम की कमी से पैदा होते हैं। लेकिन इस सत्य को समझना पड़े। जीवन में तीन घटनाएं हैं, जो बहुमूल्य हैं: जन्म, मृत्यु और प्रेम। और जिसने इन […]
उन्नति की आकांक्षा भी वैसी ही घातक है, शायद उससे भी ज्यादा, जितनी उत्तेजना की आकांक्षा है। पर बड़ा अजीब लगेगा, क्योंकि हम तो सोचते हैं कि अध्यात्म भी तो आखिर उन्नति की आकांक्षा है! कि हम आनंद चाहते हैं, कि मुक्ति चाहते हैं, कि परमात्मा को चाहते हैं यह भी तो उन्नति की आकांक्षा […]
तीसरा प्रश्न: भगवान, आत्मा शरीर धारण करने के लिए पूर्ण स्वतंत्र है, तो फिर अपंग, अंधे और लाचार बच्चों के पीड़ा से पूर्ण शरीर का चयन क्यों? अच्छा और सुख से भरा शरीर धारण कर सकती है, क्योंकि यह उसकी स्वतंत्रता है। भगवान, आशीर्वचन का पान कराएं। गुणवंतराय पारिख, आत्मा निश्चय ही स्वतंत्र है, लेकिन […]
अध्यात्म डेस्क, ई-रेडियो इंडिया Osho Hindi Pravachan: मैं तुमसे कहता हूं: पत्थर हटा दो। धन को भोगने की कला सीखो। जब तुम धन को भोगने की कला सीखोगे तो धन को पैदा करने की कला भी सीखनी पड़ेगी। और न ही मैं कामिनी के विरोध में हूं। क्योंकि जो व्यक्ति पुरुष है और स्त्रियों के […]
ओशो रजनीश Osho Hindi Pravachan: लाओत्से ने कहा है कि निहाई क्यों नहीं टूटती? क्योंकि वह झेल लेती है। हथौड़ा टूट जाता है, क्योंकि वह आक्रमण करता है। आक्रामक टूट जाएगा अपने आप। तुम उसकी चिंता मत करो, तुम सिर्फ झेलने में समर्थ हो जाओ। और हर आक्रामक स्थिति, हर घटना जो तुम्हें हिला जाती […]
Osho Mahaparinirvan Diwas 2021: 19 जनवरी 1990 को चेतना का महासूर्य अस्त हो गया। सद्गुरुओं के सद्गुरु श्रेष्ठतम रहस्यदर्शी, चिंतक, समग्र जीवन मे क्रांति का उद्घोषक और शिव की भांति स्वंय विषपान कर सभी को अमृत बाँटने वाले, परम करुणामय ओशो, इन्द्रियगत संवेदना के पार अस्तित्व में समा गए…. ओशो परम मौन में, परम आनंद […]
संसार की पूरी दौड़ के बाद आदमी के चेहरे को देखो, सिवाय थकान के तुम वहां कुछ भी न पाओगे। मरने के पहले ही लोग मर गए होते हैं। बिलकुल थक गए होते हैं। विश्राम की तलाश होती है कि किसी तरह विश्राम कर लें। क्यों इतने थक जाते हो!आदमी बूढ़ा होता है, कुरूप हो […]
इन शिविर के दिनों में इसे खयाल रखना। सुख में जीना, सुख मांगना मत। जो भी हो, उसमें खोज करना कि सुख कहां मिल सकता है, कैसे मिल सकता है। तब एक रूखी सूखी #रोटी भी सुख दे सकती है, अगर तुम्हें लेने का पता है। तब साधारण सा जल भी गहरी #तृप्ति बन सकता […]
“To be a happy person, one has to drop all comparison. Drop all these stupid ideas of being superior and inferior. You are neither superior nor inferior. You are simply yourself! There exists no one like you, no one with whom you can be compared. Then, suddenly, you are at home.” “A certain darkness is […]