अफगान सिखों को श्री गुरु तेग बहादुर की 400वीं जयंती के लिए में दिल्ली पहुंचना था और रविवार को कीर्तन दरबार निर्धारित किया गया था।तालिबान ने 140 अफगान सिख और हिंदू तीर्थयात्रियों को भारत आने से रोक दिया।
एक चिंताजनक घटनाक्रम में, सिख समुदाय के नेताओं ने कहा है कि तालिबान ने 140 अफगान सिख और हिंदू तीर्थयात्रियों को देश छोड़ने से रोक दिया है। यह घटनाक्रम ऐसे वक्त में सामने आया जब तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने कहा कि वे अब अफगानों को निकालने की अनुमति नहीं देंगे, विदेशी देश छोड़ सकते हैं। बता दें कि अफगान सिखों को श्री गुरु तेग बहादुर की 400वीं जयंती के लिए में दिल्ली पहुंचना था और रविवार को कीर्तन दरबार निर्धारित किया गया था।
गुरुद्वारा श्री गुरु अर्जन देव के अध्यक्ष ने कहा कि दुनिया के विभिन्न हिस्सों से हमारे समुदाय के कई सदस्य पहले ही इसमें शामिल होने के लिए आ चुके हैं। दुर्भाग्य से, तालिबान ने उन्हें काबुल हवाई अड्डे तक पहुंच से वंचित कर दिया है। भारत अब तक 800 लोगों को सुरक्षित निकाल चुका है। इसमें 112 अफगान नागरिक, कुछ हिंदू और सिख शामिल हैं। सप्ताहांत में, दो अफगान सिख सांसद- अनारकली होनारयार और नरेंद्र सिंह खालसर भारत पहुंच चुके हैं।
गुरुद्वारा गुरु नानक साहिब जी के अध्यक्ष गुलजीत सिंह (अफगान मूल) ने कहा कि बीते दिनों इन तीर्थयात्रियों को तालिबान सुरक्षा बलों द्वारा हवाई अड्डे से 15 घंटे से अधिक समय तक इंतजार करने के बाद वापस कर दिया गया था।पिछले हफ्ते काबुल पर तालिबानी कब्जे के बाद भारत के गृह मंत्रालय ने वतन वापसी की इच्छा रखने वाले लोगों के लिए ई-वीजा प्रणाली शुरू की।
यह पहली बार है कि अफगानों के लिए ई-वीजा प्रणाली की व्यवस्था की गई है। वीजा पाने वालों को छह महीने की अवधि के लिए दस्तावेज दिया जाएगा। इसके साथ ही भारत ने पवित्र गुरु ग्रंथ साहिब को भी वापस लाया। भारत ने पवित्र ग्रंथ ग्रहण करने के लिए हवाई अड्डे पर दो केंद्रीय मंत्रियों को भेजा था।