खाने के बाद मीठा खाना किसे पसंद नहीं होता. यही वजह है कि रात में खाने के बाद लोग आइसक्रीम खाने निकल जाते हैं. तो कुछ लोग ऐसे भी हैं जो घर में रखा रसगुल्ला या फिर चॉकलेट खा लेते हैं. आखिर ऐसा करना हमारी सेहत के लिए कितना फायदेमंद है. यही जानने के लिए लखनऊ के दूसरे सबसे बड़े हॉस्पिटल डॉक्टर राम मनोहर लोहिया अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक और वरिष्ठ डॉक्टर डॉ. विक्रम सिंह से बात की गई.
डॉ. विक्रम सिंह ने लोकल 18 को बताया कि आजकल लोग खाने के बाद अक्सर मिठाई या चॉकलेट खाते हैं. कुछ लोग रसगुल्ला खा लेते हैं. कुछ लोग ऐसे भी हैं जो आइसक्रीम खाते हैं. यह सब कुछ एक प्रिजर्व शुगर से बनाया जाता है, जो कई घंटे और कई दिनों तक प्रिजर्व करके रखा जाता है. लंच या डिनर के बाद इन चीजों को खाने वालों के लिए बड़ी चेतावनी है. ऐसे लोग अभी सुधर जाएं, सतर्क हो जाएं और सावधान हो जाएं क्योंकि ऐसा करने से बड़ों के साथ-साथ बच्चों में भी नॉन एल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिजीज तेजी से बढ़ रही है. इस तरह के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. कम उम्र में बच्चों को इस गंभीर बीमारी से जूझना पड़ रहा है.
क्या है नॉन अल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिजीज?
डॉ. विक्रम सिंह ने बताया कि नॉन अल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिजीज आपके लिवर को बिना शराब का सेवन किए भी मुश्किल में डाल सकती है. यह मुख्यतः खान-पान और बिगड़े रूटीन से जुड़ी समस्या होती है. जिसका खतरा भारतीय लोगों में भी बढ़ता जा रहा है. पहले यह स्थिति ज्यादातर शराब का सेवन करने वालों में पाई जाती थी. अब इसका खतरा उन लोगों में भी बढ़ता जा रहा है जो बहुत कम या बिल्कुल भी शराब का सेवन नहीं करते. इसी समस्या को नॉन अल्कोहॉलिक फैटी डिजीज के तौर पर जाना जाता है.