- क्लैट में प्रवेश मिला तो झूमा पूरा परिवार
- पुष्पराज सिंह उत्तर प्रदेश पीसीएस संघ अध्यक्ष के बेटा ने भेदा लक्ष्य
- पुष्पराज सिंह अपर आयुक्त प्रशासन प्रयागराज पद पर तैनात
लखनऊ। उत्तर प्रदेश पीसीएस संघ अध्यक्ष पुष्पराज सिंह के परिवार में इन दिनों खुशी का माहौल है। उनके पुत्र यशस्वी राज सिंह ने कस्टोरियम ऑफ नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट (क्लैट 2025) में रैंक प्राप्त किया है। परीक्षा अखिल भारतीय स्तर पर होती है।
इसकी जानकारी मिलने के बाद सभी ने उन्हें ढेरों शुभकामनाएं दी हैं।
पुष्पराज सिंह प्रदेश में प्रशासनिक अधिकारियों बीच एक प्रतिष्ठित और प्रेरणादायक व्यक्तित्व रूप में जाने जाते हैं। उन्होंने हमेशा अपने कार्य और नेतृत्व से समाज को दिशा दी है। उनके बेटे यशस्वी राज सिंह ने भी अपने पिता के आदर्शों को आगे बढ़ाते हुए मेहनत और लगन का परिचय दिया है। यशस्वी की इस उपलब्धि से परिवार ही नहीं, बल्कि उनके शुभचिंतकों और परिचितों में भी हर्ष व्याप्त है।
इस अवसर पर पीसीएस वरिष्ठ सदस्यों, प्रशासनिक अधिकारी, शुभचिंतक और अन्य व्यक्तियों ने अध्यक्ष पुष्पराज सिंह और उनके परिवार को शुभकामनाएं दीं। कई लोगों ने इसे परिवार की मेहनत, अनुशासन और प्रेरणा का परिणाम बताया।
यशस्वी की उपलब्धि उनके साथियों और युवाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत बन गई है। उन्होंने अपने संदेश में कहा कि सफलता का मूल मंत्र कठिन परिश्रम, समर्पण और सकारात्मक दृष्टिकोण है।
पीसीएस संघ अध्यक्ष पुष्पराज सिंह को उनके पुत्र की इस सफलता के लिए अनेक बधाइयां मिल रही है।
यह खुशी भरा अवसर न केवल एक परिवार की उपलब्धि है, बल्कि यह उन सभी के लिए प्रेरणा है जो अपने सपनों को पूरा करने के लिए प्रयासरत हैं। यशस्वी राज सिंह के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए सभी ने उन्हें शुभकामनाएं दीं।
यशस्वी राज ने बताया, मेरा कोई फिक्स टाइम टेबल नहीं था और न ही मैंने कभी घड़ी देखकर पढ़ाई की. बस अपना टारगेट फिक्स रहता था कि इतना करना है तो करना है. चाहे रात का 10:00 या 2:00 बजे. इसी तरीके से मैंने पढ़ाई की और कंसिस्टेंसी के साथ अपने रूटीन को फॉलो किया. कंसिस्टेंसी, हार्ड वर्क, डेडीकेशन, रिवीजन और प्रैक्टिस का कांबिनेशन हो तो सफलता निश्चित है।
पुष्पराज सिंह ने इस अवसर पर कहा, “यह हमारे परिवार के लिए गर्व का क्षण है। यशस्वी ने अपने प्रयासों और समर्पण से यह मुकाम हासिल किया है। हमें विश्वास है कि वह अपने जीवन में और भी ऊंचाइयों को छुएगा और समाज की भलाई में योगदान देगा।”