महा कुंभ का आगाज 13 जनवरी 2025 से पहले स्नान के साथ हो जायेगा… सभी तैयारियां पूरी कर ली गईं हैं। इस दौरान आप सुनते होंगे कि महा कुंभ में अखाड़े की पेशवाई शुरू हो गई है… तो आइये जानते हैं कि आखिर ये पेशवा या पेशवाई क्या होता है…
जब अखाड़े के साधु संत शाही ठाट-बाट के साथ कुंभ मेले में आते हैं। तब उन्हें पेशवा कहा जाता है, राजा-महाराजाओं की तरह हाथी, घोड़ों और रथों पर साधु-संतों का शाही जुलूस निकलता है।
इस समय वहां मौजूद श्रद्धालु संतों का स्वागत करते हैं। ये संत अपने-अपने अखाड़ों के झंडे अपने हाथों में रखते हैं. साधु संत हाथ में ध्वजा लेकर पूरे समारोह के साथ अपनी सेनाओं के साथ नगर से निकलते हैं।
कुंभ में दुनिया भर से लोग ऋषि-मुनियों के दर्शन के लिए आते है। कुंभ मेले में दुनिया भर से लोग आते हैं। इस बार का कुंभ मेला 26 फरवरी तक चलेगा। इस तरह की अन्य वीडियोज के लिये हमें फालो अवश्य करें।