छुटभैय्या फोटोग्राफर ने संपादक को बता दिया फर्जी, फिर एसपी ने आई-कार्ड देख कर दी सरेआम बेइज्जती

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मेरठ। मीडिया में कार्यरत चंद लोग और कुछ पुलिस अधिकारी इतने गंदे और घमंडी हो गये हैं कि उन्होंने भारत सरकार द्वारा दिये गये RNI नम्बर को ही नकारने का साहस कर दिया है। एक मामला प्रकाश में आया जिसमें साप्ताहिक अखबार की सम्पादक एक महिला को एसपी सिटी अखिलेश नरायण सिंह को छुटभैया फोटोग्राफर से पहचान कराने की जरूरत पड़ गई। लॉकडाउन में समाचार संकलन के लिये जा रही इस महिला पत्रकार को एसपी सिटी ने बाहर घूमने का कारण पूछा ऐसे में महिला ने समस्त साक्ष्य दिखाये और बताया कि वह समाचार संकलन के लिये जा रही है।

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महिला पत्रकार व संपादक द्वारा मेरठ के एसएसपी अजय साहनी से की गई शिकायत। 
लेकिन इसके बाद भी एसपी सिटी को वहां मौजूद एक छुटभैया फोटोग्राफर से पहचान कराने की आवश्यकता पड़ गई। बस फिर क्या था ऐसे में एक दैनिक अखबार के फोटोग्राफर ने तपाक से कह दिया कि ये लोग फर्जी होते हैं। छुटभैया फोटोग्राफर भारत सरकार से प्रमाणित सम्पादक व मालिक को इतनी बड़ी बात कह दे और एसपी सिटी उसे मान लें और डपटने लगें यह कैसी प्रमाणिकता है? शायद एसपी साहब को अभी ‘विकास की जरूरत’ है।
यह जरूरी थोड़ी ही है कि मेरठ से प्रकाशित समस्त अखबरों के सम्पादक छोटे-मोटे फोटोग्राफरों को अपनी पहचान बताते रहेंगे। उनके जैसे कई फोटोग्राफर उनके यहां काम करते हैं। मालिकों से जलन करने वाले ये फोटोग्राफर खुद को असली बताते हैं। मैनुपुलेटेड स्टोरी गढ़ने वाले इन पारम्परिक फोटाेग्राफरों को एक बात समझ में आनी चाहिये कि उनकी औकात क्या है। दूसरे पर अंगुली उठाने वाले वो कौन होते हैं?
खैर आप देखिये ये वीडियो जिसमें महिला अपनी आपबीती बता रही है-

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