मोदी सरकार से बकाया राशि के लिए दिल्ली कूच करेंगे कमलनाथ सरकार के मंत्री
दरअसल, साल के पहले तीन महीने जनवरी, फरवरी और मार्च काफी अहम हैं. केंद्र सरकार को इन महीनों में राशि खर्च करनी होती है. माना जाता है कि जो राज्य लगातार संपर्क में रहते हैं, उन्हें इसका लाभ मिलता है.
जानकारी के मुताबिक, खाद्य नागरिक आपूर्ति मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर अगले हफ्ते न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदे गए 7 लाख मीट्रिक टन गेहूं को सेंट्रल पूल में लेने और खरीदी के भुगतान को लेकर केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाकात करेंगे. बता दें कि, केंद्र सरकार ने गेहूं नहीं लिए तो प्रदेश पर 1400 करोड़ रुपए का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा. राज्य ने केंद्र सरकार की नीतियों के तहत किसानों से गेहूं खरीदा है. इसमें से सात लाख मीट्रिक टन गेहूं का सेंट्रल पूल में उठाव कराने का मामला अभी तक अटका हुआ है. साथ ही गेहूं खरीदी का भुगतान भी लंबित चल रहा है.
भावांतर व फसल बीमा का पैसा भी बकाया. कृषि विभाग के भावांतर भुगतान योजना के 1 हजार करोड़ रुपए अभी तक नहीं मिले हैं. इसी तरह फसल बीमा योजना में केंद्रांश बीमा कंपनियों को मिलना बाकी है. इसके बिना किसानों को फसल बीमा का भुगतान नहीं होगा. वहीं, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री कमलेश्वर पटेल भी मनरेगा सहित अन्य योजनाओं की लंबित राशि हासिल करने का प्रयास करेंगे.