राजनीति में अपराध के बल पर जड़ें जमा चुका है हत्यारा विकास दूबे, सत्ता की गलियों में ऐसे करता है चहलकदमी

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  • संवाददाता, ई-रेडियो इंडिया
कानपुर। दिल दहला देने वाली घटना ने एक बार फिर सत्ता व खादी के रिश्ते को कलंकित कर दिया है। कानपुर में दबिश देने गई पुलिस पर हमला कर आठ पुलिसकर्मियों को शहीद कर देना बदमाशों के बेखौफ रवैये का द्योतक है। कानपुर देहात के बिठूर थाना क्षेत्र में गुरुवार रात एक बजे दबिश देने गई पुलिस टीम पर फायरिंग करने वाले हिस्ट्रीशीटर विकास दूबे पर 60 आपराधिक मामले दर्ज हैं। 19 साल पहले उसने 2001 में थाने में घुसकर राज्यमंत्री संतोष शुक्ला की हत्या कर दी थी। इसके बाद उसने राजनीति में एंट्री ली।

विकास दूबे नगर पंचायत का चुनाव भी जीता था। राजनीति में विकास की गहरी पैठ ने उसे एक अलग पहचान दे दी जिसके बाद वह फूले नहीं समा रहा था। लेकिन उसने एक ऐसी गलती कर दी जिसने उसके जीवन को अब लगभग अंत की ओर धकेल दिया है।

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विकास ने अपने अपराधों के दम पर पंचायत और निकाय चुनावों में कई नेताओं के लिए काम किया और उसके संबंध प्रदेश की सभी प्रमुख पार्टियों से हो गए। 2003 में शिवली थाने के अंदर घुस कर इंस्पेक्टर रूम में बैठे तब श्रम संविदा बोर्ड के चैयरमेन रहे राज्य मंत्री का दर्जा प्राप्त भाजपा नेता संतोष शुक्ल को गोलियों से भून दिया था। उसका इतना खौफ था कि कोई गवाह सामने नहीं आया। इसके कारण वह केस से बरी हो गया। इसकी शादी शास्त्री नगर सेंट्रल पार्क के पास रहने वाले राजू खुल्लर की बहन से हुई थी। ब्राह्मण शिरोमणि पंडित विकास दुबे के नाम से फेसबुक पेज बना रखा था।

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