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सत्रह चुनाव में मात्र चार लोग अपने दम पर बने विधायक

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प्रतापगढ़। देश की आजादी के बाद अब तक हुए सत्रह चुनावों में जिले से मात्र चार लोग ही अपने दम पर विधायक बन सके। रामपुर खास विधानसभा से 1977 में पहली बार कुंवर तेजभान सिंह निर्दलीय विधायक बने थे। हर बार चुनाव में बड़ी संख्या में लोग निर्दलीय प्रत्याशी के तौर मैदान में कूदते हैं, लेकिन उनकी भूमिका वोटकटवा तक ही सीमित रह जाती है। हर बार चुनाव में निर्दलियों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है।
देश की आजादी के बाद पहली बार 1951 में लोकसभा व विधानसभा के चुनाव एक साथ हुए थे। 1957 में भी आम चुनाव के साथ ही विधानसभा का चुनाव हुए। रामपुर खास विधानसभा से कुंवर तेजभान सिंह को पहली बार 1977 में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में कामयाबी मिली। हालांकि 1980 में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। रामपुर खास से कांग्रेस ने अपनी खोई हुई सीट पर कब्जा कर लिया। यहां से प्रमोद तिवारी ने जीत दर्ज की।
राजाभैया समर्थक विनोद सरोज ने निर्दलीय दर्ज की जीत
इसके बाद काफी समय तक कोई निर्दलीय प्रत्याशी चुनाव नहीं जीत सका। वर्ष 1993 में कुंडा विधानसभा से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में उतरे रघुराज प्रताप सिंह राजाभैया ने जीत दर्ज की। यहां से सपा के विधायक रहे नियाज हसन को हार का सामना करना पड़ा। तब से राजाभैया से 2017 तक निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में कुंडा विधानसभा से विधायक चुने जा रहे हैं।
1996 में बिहार विधानसभा से राजाभैया समर्थक रामनाथ सरोज ने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव जीता। 2002 में भी रामनाथ सरोज निर्दलीय विधायक निर्वाचित हुए। उनके निधन के बाद राजाभैया ने उनके बेटे विनोद सरोज को मैदान में उतारा। मतदाताओं ने पिता की विरासत संभालने चुनाव मैदान में उतरे विनोद सरोज को विधायक चुन लिया। 2012 व 2017 के विधानसभा चुनाव में भी विनोद सरोज निर्दलीय चुनाव जीते।
वर्ष चुनाव जीतने वाले निर्दलीय प्रत्याशी विधानसभा
1977 कुंवर तेजभान सिंह रामपुर खास
1993 रघुराज प्रताप सिंह कुंडा
1996 रघुराज प्रताप सिंह कुंडा
1996 रामनाथ सरोज बिहार सु.
2002 रघुराज प्रताप सिंह कुंडा
2002 रामनाथ सरोज बिहार सु.
2007 रघुराज प्रताप सिंह कुंडा
2007 विनोद सरोज बिहार सु.
2012 रघुराज प्रताप सिंह कुंडा
2012 विनोद सरोज बाबागंज
2017 रघुराज प्रताप सिंह कुंडा
2017 विनोद सरोज बाबागंज

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Santram Pandey

पत्रकारिता के 40 बसंत पार कर चुके संतराम पांडे, पूर्णकालिक पत्रकार हैं और खाटी पत्रकारिता के जीवंत उदाहरण स्वरूप अंकुरित प्रतिभाओं को सहयोग प्रदान कर रहे हैं। वर्तमान में ई-रेडियो इंडिया के वरिष्ठ संपादक हैं।

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