पिछले दिनों मेरठ के टीपीनगर थाने के पास चंद्रलोक कॉलोनी के रहने वाले ऑटो चालक अश्वनी लोधी ने खुद को आग लगा ली। उसका आरोप था कि टीपीनगर थाने का दरोगा उससे अवैध रूप से पैसों की मांग करता था। रकम न दे पाने पर दरोगा ने उसे सबके सामने ही थप्पड़ जड़ दिये।
अपमानित महसूस करते हुये टेम्पू चालक ने खुद पर पेट्रोल डालकर आग लगा ली। इसके बाद आपस-पास के लोगों ने जैसे तैसे उसे नजदीकी अस्पताल पहुंचाया। हालात गंभीर होने की स्थिति में उसे दिल्ली रेफर कर दिया गया।
घटना के बाद आरोपी दरोगा राजदीप पूनिया के खिलाफ जनता में आक्रोश फैल गया। मौके पर सीओ चक्रपाणि त्रिपाठी पहुंचे… जैसे-तैसे लोगों को शांत कराया। इस दौरान भाजपा के नेताओं ने भी कोई स्पष्ट मत नहीं रखा और इस प्रकरण को जांच का विषय बताया….
कुल मिलाकर देखना यह है कि क्या इस घटना की निष्पक्ष जांच पूरी की जायेगी। क्या दारोगा के खिलाफ दर्ज किये गये मुकदमे में सच्चाई से सभी पहलुओं को लिखा जायेगा?
क्षेत्राधिकारी चक्रपाणि त्रिपाठी ने आइमा से इस प्रकरण में बातचीत करने से साफ इंकार कर दिया। जिससे स्पष्ट रूप से यह ज्ञात हो चुका है कि कहीं न कहीं इसमें अब बयानबाजी से पुलिस बच रही है…..