Shani Trayodashi Pooja Vidhanam: जैसा कि आप सभी जानते हैं की 18 फरवरी 2023 को हम सभी महाशिवरात्रि एवं शनि त्रयोदशी का पर्व एक साथ मना रहे हैं यह दोनों पर्व अपने आप में अति शुभ माने जाते हैं तथा सभी प्रकार की मनोकामनाओं को पूरा करने में स्वता ही सक्षम है और इस बार तो यह दोनों पर एक दिन और एक साथ ही आ गए हैं और यह हम सभी के लिए किसी वरदान से कम नहीं हैं जो जातक अभी तक शनि जन्य पीड़ा से चाहे वह साढ़ेसाती हो या फिर ढैया से पीड़ित है अथवा ग्रसित हैं वह सभी शनि देव तथा महादेव भोलेनाथ की असीम कृपा प्राप्त कर सकते हैं और अपने जीवन में सदा के लिए इन सभी पीडाऔ से मुक्ति भी पा सकते हैं।
लेखक: पं. हिमांशु त्रिपाठी, मेरठ
Shani Trayodashi Pooja Vidhanam: शनि त्रयोदशी व्रत के लाभ
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, शनि त्रयोदशी व्रत करने से कई सौभाग्यशाली परिणाम मिलते हैं: जैसे कि नौकरी में पदोन्नति, चंद्र दोष से मुक्ति, मानसिक बेचैनी और उलझन दूर होती है, दीर्घायु का आशीर्वाद प्राप्त होता है, शनि देव की कृपा बरसती है, भगवान शिव भी प्रसन्न होते हैं और पुत्र रत्न की प्राप्ति होती है।
Shani Trayodashi Pooja Vidhanam: शनि त्रयोदशी व्रत के नियम
Shani Trayodashi Pooja Vidhanam करने के कुछ विशेष नियम होते हैं, जो कि इस प्रकार हैं-
- शनि त्रयोदशी के दिन Shani Trayodashi Pooja Vidhanam करने के लिए सुबह सूर्योदय से पहले उठ जाएं। फिर स्नान आदि करने के बाद साफ-स्वच्छ कपड़े पहनें। पूजा स्थल का शुद्धिकरण करें। इसके बाद गाय के गोबर से लीप कर एक मंडप तैयार करें।
- मंडप के नीचे 5 अलग-अलग रंगों से सुंदर रंगोली बनाएं। फिर बेलपत्र, अक्षत, दीपक, धूप और गंगाजल आदि लेकर भगवान शिव की विधिवत पूजा करें। ध्यान रहे कि पूजा के समय आपका मुख उत्तर-पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए।
- प्रदोष काल में आप सिर्फ हरी मूंग का सेवन कर सकते हैं चूंकि यह पृथ्वी तत्व से संबंधित है। आप इस दिन पूर्ण उपवास या फलाहार (फलों का सेवन) भी कर सकते हैं।
Shani Trayodashi Pooja Vidhanam: किस मंत्र का जाप करें
महाशिवरात्रि के दिन रात्रि जागरण एवं शिव गायत्री मंत्र के जाप का भी विशेष महत्व है सभी भक्तगण इसका लाभ उठाने के लिए यथा संभव ज्यादा से ज्यादा इस मंत्र का जाप करें और रात्रि जागरण करके महाशिवरात्रि के व्रत को पूर्ण करें
मंत्र इस प्रकार है-
(“तत्पुरुषाय विद्ममहे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रा प्रचोदयात”)
जरूरी जानकारी
Shani Trayodashi Pooja Vidhanam: वर्ष 2023 में कुल 3 बार शनि त्रयोदशी मनाई जाएगी। पहली 18 फरवरी 2023 को, दूसरी 04 मार्च 2023 को और तीसरी 1 जुलाई 2023 को। इसे शनि प्रदोष व्रत या शनि प्रदोषम के नाम से भी जाना जाता है। बता दें कि प्रदोष व्रत मुख्य रूप से माता पार्वती और भगवान शिव को समर्पित होता है, मगर जब यह तिथि शनिवार के दिन पड़ती है तो इसमें कर्म देव शनि की भी अहम भूमिका होती है।
साल की पहली शनि त्रयोदशी, जो कि 18 फरवरी 2023 को पड़ रही है, ज़्यादा ख़ास मानी जा रही है क्योंकि इस दिन महाशिवरात्रि 2023 भी मनाई जाएगी। यह शुभ संयोग कई वर्षों बाद बन रहा है। ऐसे में इस दिन जातकों के ऊपर माता पार्वती और भगवान शिव के साथ-साथ शनि देव की कृपा भी बरसेगी। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, शनि देव भगवान शिव के उपासक हैं, इसलिए इस दिन भगवान शिव और शनि देव से जुड़े कुछ विशेष उपाय करने से भक्तों को सकारात्मक फलों की प्राप्ति होगी। आइए अब विस्तार से जानते हैं कि शनि त्रयोदशी के दिन हमें क्या-क्या करना चाहिए।
Shani Trayodashi Pooja Vidhanam:जानें अचूक उपाय
- शनि त्रयोदशी के दिन छाया दान करना करना सबसे उत्तम माना जाता है। इसके लिए, प्रातःकाल एक कटोरी में सरसों का तेल भरकर, उसमें एक सिक्का (मुद्रा) डालें।
- इसके बाद उसमें अपना चेहरा देखें, फिर इसे शनि मंदिर में दान कर दें। मान्यता है कि ऐसा करने से उत्तम फलों की प्राप्ति होती है।
- शनि देव को प्रसन्न करने एवं उनके अशुभ प्रभावों से मुक्ति पाने के लिए शनि त्रयोदशी की शाम को किसी काले कुत्ते को सरसों के तेल से चुपड़ी हुई मीठी रोटी खिलाएं।
- शुभ फलों की प्राप्ति के लिए शनि त्रयोदशी के दिन भगवान शिव की पूजा अवश्य करें क्योंकि शनि देव भगवान शिव के उपासक हैं।
- ऐसे में आपको करना यह है कि जल में काले तिल मिलाकर शिवलिंग पर अर्पित करें। इसके बाद शिव पंचाक्षर मंत्र “ॐ नमः शिवाय” का स्पष्ट जाप करें।
- भगवान शिव की विधिवत पूजा करने के बाद शनि देव की पूजा ज़रूर करें। पहले शिव चालीसा का पाठ करें, फिर शनि चालीसा का पाठ करें।
- मान्यता है कि ऐसा करने से भगवान शिव और कर्म देव शनि दोनों का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
Shani Trayodashi Pooja Vidhanam के साथ करें शनि त्रयोदशी का व्रत। साथ ही शिवलिंग पर 108 बेलपत्र और पीपल के पत्ते चढ़ाएं। मान्यताओं के अनुसार ऐसा करना बेहद कल्याणकारी होता है।
यदि आप पर कई ग्रहों का अशुभ प्रभाव है तो शनि त्रयोदशी के दिन उड़द की दाल, काले रंग के जूते, काले तिल, उड़द की खिचड़ी, छाता और कंबल आदि का दान ज़रूर करें क्योंकि यह सभी चीज़ें शनि देव से संबंधित होती हैं। इन चीज़ों के दान से शनि देव प्रसन्न होते हैं।
शनि पीड़ा से मुक्ति पाने एवं मानसिक शांति की प्राप्ति के लिए शनि त्रयोदशी के दिन जल और दूध पीपल की जड़ में अर्पित करें। फिर वहां 5 मिठाईयां रख दें। इसके बाद अपने पितरों का ध्यान करते हुए पीपल के वृक्ष की पूजा करें। पीपल के वृक्ष की पूजा करने के बाद, उसके नीचे बैठकर सुंदरकांड का पाठ करें और फिर उसकी 7 परिक्रमा लगाएं।