नई दिल्ली। पिछले कुछ महीनों में हिंद महासागर में समुद्री डाकुओं के खिलाफ भारतीय नौसेना ने कई ऑपरेशंस को अंजाम दिए। भारत न सिर्फ मित्र देशों की मदद के लिए तत्परता से खड़ा रहता है, ब्लकि जो भी देश भारत से मदद की गुहार करते हैं उनकी सहायता की जाती है। कुछ दिनों पहले भारतीय नौसेना ने 40 घंटे की खोज के बाद हाईजैक शिप एमवी रुएन से बुल्गारिया के सात नागरिकों को सुरक्षित बचा लिया गया। यह जहाज समुद्री लुटेरों के कब्जे में था।
- सात बल्गेरियाई नागरिकों को बचाया गया
भारतीय नौसेना द्वारा सात बल्गेरियाई नागरिकों को सफलतापूर्वक रेस्क्यू किए जाने के बुल्गारिया के राष्ट्रपति रुमेन रादेव ने पीएम मोदी को आभार जताया। न्होंने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि बुल्गारिया के अगवा जहाज रुएन और सात बुल्गारियाई नागरिकों समेत 17 क्रू को बचाने के लिए भारतीय नौसेना की बहादुरी भरी कार्रवाई के लिए मैं पीएम मोदी का हार्दिक आभार जताता हूं। - समुद्री डकैती से निपटने के लिए प्रतिबद्ध है भारत: पीएम मोदी
इसपर पीएम मोदी ने भी प्रतिक्रिया दी। पीएम मोदी ने लिखा, राष्ट्रपति जी, आपके संदेश की सराहना करता हूं। हमें खुशी है कि 7 बुल्गारियाई नागरिक सुरक्षित हैं और जल्द ही घर लौट आएंगे। भारत नौसेना, स्वतंत्रता की रक्षा करने और हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्री डकैती और आतंकवाद से निपटने के लिए प्रतिबद्ध है।” - ऑपरेशन में बचाए गए 17 सदस्य
बता दें कि भारतीय तट से लगभग 2,600 किमी दूर करीब 40 घंटे तक चलाए गए ऑपरेशन के दौरान उसने न केवल पूर्व माल्टीज ध्वज वाले अपहृत व्यापारिक जहाज एमवी रुएन के चालक दल के 17 सदस्यों को सुरक्षित रिहा कराया बल्कि 35 सोमालियाई समुद्री लुटेरों को भी पकड़ लिया। इस ऑपरेशन में बचाए गए 17 सदस्यों में से कुछ बुल्गारिया के भी लोग थे जिसको भारत ने बचाया गया।