गाजियाबाद। इंदिरापुरम की रहने वाली महिला को साइबर अपराधियों ने दो घंटे तक डिजिटल अरेस्ट रख 12 लाख रुपए ठग लिए। पीड़िता को कोरियर में ड्रग्स मिलने की बात बताई गई। उन्हें कानूनी कार्रवाई का डर दिखाकर बदमाशों ने वीडियो कॉल के जरिये दो घंटे तक अपनी निगरानी में रखा। जबकि महिला ने कोई कोरियर भेजा ही नहीं था। पीड़िता की शिकायत पर साइबर क्राइम थाने में केस दर्ज किया गया है।इंदिरापुरम निवासी पीड़िता ने पुलिस को बताया कि 14 मार्च को उनके पास कोरियर कंपनी के नाम से फोन आया। फोन करने वाले ने उन्हें बताया कि मुंबई से ताइवान भेजे जा रहे कोरियर में ड्रग्स पाए जाने पर उनका पैकेट कस्टम विभाग के पास है।
कुछ देर में मुंबई साइबर क्राइम ब्रांच अधिकारी बनकर वीडियो कॉल के जरिये उन्हें दो घंटे तक डिजिटल अरेस्ट रखा गया। कानून का डर दिखाकर स्काइपे कॉल के जरिये उन्हें कैमरे के सामने से हटने नहीं दिया गया और उनसे खाता वेरिफाई कराने और आधार वेरिफाई कराने के नाम पर बैंक खाते की 98 प्रतिशत धनराशि ट्रांसफर करा ली।
- इन बातों का रखें ध्यान
- ऑनलाइन नंबर से आई काल पर ध्यान न दें l कोरियर पैकेट में नशीले सामान की आपूर्ति करने वाला गिरोह सक्रिय है, ऐसी काल आने पर काट दें
- किसी भी अनजान व्यक्ति को खाते से जुड़ी जानकारी न दें
- जांच करने के बाद ही किसी खाते में धनराशि डालें, फोन पर दबाव में न आएं, वित्तीय संस्थान या जांच एजेंसी फोन पर जांच पूरी नहीं करतीं
- कोरियर भेजा है या रिसीव करना है तब भी पैकेट रोके जाने की सूचना पर काल काट दें। संबंधित कंपनी की वेबसाइट पर शिपमेंट ट्रैक करें
- कोरियर कंपनी या किसी विभाग की पड़ताल के लिए आनलाइन नंबर नहीं निकालें। संबंधित कंपनी या विभाग की वेबसाइट पर जाकर ही जानकारी देखें
- पूर्व में भी आए हैं ऐसे मामले
- नौ मार्च को इंदिरापुरम निवासी दंपती को कोरियर में ड्रग्स भेजने के आरोप में दो दिन तक डिजिटल अरेस्ट रख 11 लाख रुपये ठगे
- 23 फरवरी को वसुंधरा निवासी महिला को बदमाशों ने मुंबई से ईरान भेजे पार्सल में ड्रग्स रखने के आरोप में डिजिटल अरेस्ट बताकर 56 लाख रुपये ऐंठ लिए