स्वतंत्रता आंदोलन में एक व्यक्ति का योगदान है, यह सत्य नहीं हो सकता है
मेरठ। इतिहास की पुस्तकों में संशोधन की बहुत बडी आवश्यकता है। स्वतंत्रता आंदोलन मे एक व्यक्ति का योगदान है यह सत्य नहीं हो सकता है। बहुत बडा आंदोलन था और पूरी व्यवस्था को परिवर्तन करना था। 200 साल तक विदेशी शक्तियों ने भारत पर नियंत्रण स्थापित किया था। इस नियंत्रण को एक व्यक्ति या फिर कुछ व्यक्तियों द्वारा परिवर्तन नहीं किया जा सकता था। परंतु इतिहास की पुस्तकों में यही पढाया जाता है।
ज्ञान प्राप्त करने वाले छात्र व छा़त्राओं के समूह को यह बताना आवश्यक है कि अंग्रेजों ने केवल अहिंसा के बल पर देश नहीं छोडा। यह बात चौरी चौरा शताब्दी महोत्सव के उदघाटन के अवसर पर नेताजी सुभाष चंद्र प्रेक्षागृह में चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो नरेंद्र कुमार तनेजा जी ने कही। प्रति कुलपति प्रो वाई विमला ने कहा कि हमारे पूर्वजों ने अपने आत्मबल व साहस से उन परिस्थितियों में जो किया है उसके कारण ही आज हम स्वतंत्रता से सांस ले पा रहे हैं, अपनी बात कह पा रहे हैं। वर्तमान समय में आवश्यक है कि हम सभी लोग मिलकर ऐसा प्रयास करें कि ऐसा समय कभी ना आए।
हम लोग फिर से परतंत्र हों। जो हमारे सामने इतिहास है वह अंग्रेजों का लिखा हुआ है, वक्त की मांग है कि इसमें परिवर्तन किया जाए। हम लोगों नकारात्मकता को छोडकर सकारात्कमक कार्य करें। हम आपस में न लडें, मिलकर रहें जिससे तीसरा कोई फायदा न उठा सके।
कार्यक्रम का संचालन नोडल अधिकारी प्रो0 विघ्नेश कुमार त्यागी, सविता मित्तल, शुचि गुप्ता, इस दौरान वित्त नियंत्रक सुशील कुमार गुप्ता, कुलानुशासक प्रो0 बीरपाल सिंह, छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो. भूपेंद्र सिंह, प्रो0 मृदुल कुमार गुप्ता, प्रो0 एके चैबे, प्रो0 दिनेश कुमार, प्रो0 एसएस गौरव, प्रो0 स्नेहलता जायसवाल, प्रो0 एवी कौर, प्रो0 आराधना, प्रो0 अनिल मलिक, प्रो0 अनुज कुमार, प्रो0 संजय भारद्वाज, प्रो0 सुधीर कुमार, प्रो0 शैलेंद्र शर्मा, डाॅ जमाल अहमद सिददकी, डाॅ विवेक त्यागी, डाॅ सुशील कुमार, डाॅ अपेक्षा चैधरी, डाॅ यशवेंद्र कुमार आदि मौजूद रहे।