प्रतापगढ़, शासन सत्ता की हनक और शासन में पकड़ में ढील के तमाम किस्से बीच बीच में सुनने व देखने को मिलते हैं। किन्तु न्यायालय के शिकंजे में फंसे मामले में कभी कभी नेताओं की भी घिग्गी बध जाती है और मामला नाटकीय मोड़ ले लेता है।ऐसा ही एक दिलचस्प वाकया प्रतापगढ़ में होने वाले स्थानीय प्राधिकारी क्षेत्र के चुनाव में जनसत्ता दल लोकतांत्रिक पार्टी के प्रत्याशी अक्षय प्रताप सिंह उर्फ गोपाल जी के बारे में सुर्खियों में आया है। बताते हैं कि फर्जी पता दिखाकर एमएलसी प्रत्याशी अक्षय प्रताप सिंह उर्फ गोपाल जी ने अपने नाम रिवाल्वर का लाइसेंस हस्तगत कर लिया था। फर्जी पता पर लाइसेंस लेने से संबंधित मामले में नगर कोतवाली में 1997 में उनके विरुद्ध मुकदमा संख्या 1547/97 के अधीन धारा 420,468 व 471 के तहत मुकदमा पंजीकृत हुआ था। फर्जी पता दिखाकर रिवाल्वर के लाइसेंस के मुकदमा के विषय में अक्षय प्रताप सिंह पर दोष सिद्ध हुआ है। जिला एवं सत्र न्यायालय के एफटीसी द्वितीय सीनियर डिवीजन की अदालत के निर्णय में उन्हें दोषी पाते हुए पुलिस कस्टडी में एक दिन के लिए जेल भेज दिया गया है। इस मामले में सजा निर्धारण के लिए अदालत ने आज निर्णय देने की तिथि मुकर्रर की है।इस प्रकरण को आधार बनाकर एमएलसी के भाजपा प्रत्याशी हरि प्रताप सिंह ने अक्षय प्रताप सिंह उर्फ गोपाल जी के नामांकन को रद्द करने की अपील जिला निर्वाचन अधिकारी से की, किन्तु निर्वाचन अधिकारी ने हरि प्रताप सिंह की अपील को खारिज कर दिया है। आज सजा निर्धारण की तिथि को होने वाले निर्णय के लिए लोग बेताबी से इंतजार कर रहे हैं।