कांवड़ यात्रा में हथियारनुमा वस्तुओं और बिना साइलेंसर बाइक पर रोक

एडीजी बोले – उल्लंघन करने वालों के खिलाफ होगी सख्त कार्रवाई

मेरठ। श्रावण मास की कांवड़ यात्रा के दौरान हो रही हिंसा, उपद्रव और दुर्घटनाओं को ध्यान में रखते हुए उत्तर प्रदेश पुलिस ने अब सख्ती का रुख अपनाया है। विशेषकर यात्रा मार्ग से जुड़े जिलों में पुलिस ने त्रिशूल, लाठी, हॉकी स्टिक, तलवार और अन्य हथियारनुमा वस्तुएं ले जाने पर प्रतिबंध लगा दिया है।

यह प्रतिबंध मेरठ, मुजफ्फरनगर, शामली, सहारनपुर, बुलंदशहर, हापुड़ और बागपत जैसे जिलों में प्रभावी रूप से लागू किया गया है। पुलिस का कहना है कि इन वस्तुओं का प्रदर्शन धार्मिक आस्था के नाम पर हिंसा को जन्म दे सकता है, जिससे कानून-व्यवस्था बिगड़ने का खतरा रहता है।

ध्वनि प्रदूषण पर भी सख्ती

धार्मिक यात्रा की मर्यादा बनाए रखने और ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए अब बिना साइलेंसर वाली मोटरसाइकिलों पर भी रोक लगा दी गई है। डीजे बजाने, तेज़ संगीत, हूटर और हॉर्न आदि पर भी निगरानी रखी जा रही है।

एडीजी का सख्त संदेश

एडीजी (मेरठ जोन) भानु भास्कर ने स्पष्ट किया कि “सरकार ने कांवड़ यात्रा के दौरान अनुशासन बनाए रखने के लिए जो दिशा-निर्देश जारी किए हैं, उनका पूरी सख्ती से पालन किया जाएगा। हथियारनुमा वस्तुओं का प्रदर्शन—भले ही प्रतीकात्मक हो—बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”

उन्होंने आगे बताया कि जिन श्रद्धालुओं द्वारा नियमों का उल्लंघन किया जा रहा है, उनके खिलाफ FIR दर्ज की जा रही हैं और सख्त कार्रवाई की जा रही है।

उत्तराखंड और यूपी की घटनाओं से सबक

गौरतलब है कि हाल ही में उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा के दौरान कई बर्बरता और उत्पीड़न की घटनाएं सामने आई थीं, जहां तीर्थयात्रियों द्वारा मारपीट, तोड़फोड़ और धमकी जैसी हरकतें देखी गईं। इन्हीं घटनाओं को रोकने के उद्देश्य से यह कठोर निर्णय लिया गया है।

कानून के दायरे में रहे श्रद्धा

अधिकारियों ने अपील की है कि सभी श्रद्धालु कांवड़ यात्रा को शांति, अनुशासन और श्रद्धा के साथ पूर्ण करें, ताकि यह पवित्र यात्रा धार्मिक आस्था के साथ-साथ सामाजिक समरसता का भी प्रतीक बनी रहे।