नई दिल्ली। आप विधायक वंदना कुमारी ने कहा कि भाजपा शासित एमसीडी शालीमार बाग में ए-सी ब्लॉक स्थित प्राइमरी स्कूल को बेचकर पार्किंग और कॉमर्शियल कॉम्प्लेक्स बनाने जा रही है। यह ज़मीन भाजपा के ही कुछ ठेकेदारों को औने-पौने दामों में बेची जा रही है। ज़मीन का मार्केट रेट 250 करोड़ और कॉमर्शियल रेट 500 करोड़ से अधिक होने के बावजूद भाजपा उसे मात्र 126 करोड़ में बेचकर अपने लोगों को फायदा पहुंचाने की कोशिश कर रही है।
शालीमार बाग की जनता इसका विरोध करती है। उन्हें कॉमर्शियल पार्किंग नहीं बल्कि स्कूल चाहिए। इससे पहले भाजपा एमसीडी की संपत्तियों को बेच डाले, उसे रोकना बहुत जरूरी है। वहीं विशेष रवि ने कहा कि भाजपा शासित एमसीडी स्कूलों की ज़मीनें बेचकर करोड़ों का भ्रष्टाचार करने की तैयारी में है। अजमल खां रोड और पूषा लेन पर भाजपा 2 स्कूलों को बेचकर पार्किंग बना रही है। भाजपा की मंशा पार्किंग बनाकर लोगों को सुविधा देने की नहीं बल्कि वहा दुकानें बनाकर करोड़ो की घूस खाने की है। 500 गाडिय़ों की पार्किंग का प्रॉजेक्ट लाकर 300 गाडिय़ों की पार्किंग और 200 गाडिय़ों की पार्किंग के स्थान पर दुकानें बनाने का प्लान है।
इसी प्रकार से भाजपा स्कूल बेचती रही तो गरीब परिवारों के बच्चे शिक्षा के लिए कहां जाएंगे।आम आदमी पार्टी से शालीमार बाग की विधायक वंदना कुमारी ने मंगलवार को पार्टी मुख्यालय में प्रेसवार्ता को संबोधित किया। वंदना कुमारी ने कहा कि आज जिस तरह से भाजपा शासित एमसीडी शालीमारी बाग के ए-सी ब्लॉक स्थित प्राइमरी स्कूल को बेचकर पार्किंग और कॉमर्शियल कॉम्प्लेक्स बनाने जा रही है। शालीमार बाग का जो रेसिडेंशियल एरिया है, वहां के बड़े-बड़े बिल्डरों को स्कूल यह ज़मीन बेची जा रही है। हमने पहले भी प्रेस वार्ता कर के इस प्रस्ताव के बारे में आप लोगों को बताया था। ‘आपÓ विधायक आतिशी और एमसीडी प्रभारी दुर्गेश पाठक ने भी इस मुद्दे को उठाया था।15 दिसंबर को हुई नॉर्थ एमसीडी की स्टैंडिंग कमेटी की बैठक में आइटम नंबर 113 में इस प्रस्ताव को रखा गया। जहां इस प्रस्ताव को खारिज नहीं किया गया।
जिससे वहां के स्थानीय लोग आहत हैं। उस क्षेत्र के हमारे जितने भी साथी हैं, वह बार-बार हमारे ऑफिस में आते हैं और कहते हैं कि 6ठीं कक्षा तक के बच्चों के लिए जो स्कूल है, उसकी जगह एमसीडी पार्किंग बनाने जा रही है। इसका हम विरोध करते हैं। भाजपा सरकारी संपत्तियों को बेचने की जो प्रक्रिया चला रही है, मैं आप लोगों को बताना चाहती हूं कि शालीमार बाग के स्कूल की ज़मीन को भाजपा के ही कुछ ठेकेदारों को औने-पौने दामों में बेचा जा रहा है। उन लोगों के निवेदन पर ही एमसीडी ने इस प्रस्ताव को रखा है।
शालीमार बाग की जनता इसका कड़ा विरोध करती है।स्कूल की ज़मीन का वास्तविक मूल्य साझा करते हुए वंदना कुमारी ने कहा कि जिस प्रकार से भाजपा एमसीडी में रहकर सभी सरकारी ज़मीनों को बेचने में लगी है, उन्हें पता है कि आने वाले एमसीडी चुनाव में तीनों निगमों से उन्हें जनता निकाल बाहर करेगी। उससे पहले वह सभी संपत्तियों को हड़प लेना चाहती है। शालीमार बाग का यह जो स्कूल है, भाजपा उसे मात्र 126 करोड़ में बेच रही है। जबकि यदि हम शालीमार बाग के उस क्षेत्र की ज़मीनों के मार्केट रेट देखने जाएं तो उस प्लॉट का मार्केट रेट कम से कम 250 करोड़ है। वहीं उसका कॉमर्शियल रेट 500 करोड़ से भी ज्यादा है।
यानी भाजपा एमएसीडी की संपत्तियों को औने-पौने दामों पर बेचकर अपनी जेबें भरना चाहती हैं, अपने अन्य भाजपा साथियों का घर भरना चाहती है। इसके बावजूद, जितने भी एमसीडी कर्मचारी हैं, उन्हें आज भी समय पर तनख्वाह नहीं मिल रही है। इससे पहले भाजपा एमसीडी की सभी संपत्तियों को बेच दे, उस रोकना बेहद जरूरी है। शालीमार बाग की जनता चाहती है कि वहां स्कूल ही रहना चाहिए। उन्हें कोई पार्किंग नहीं चाहिए। निगम में रहकर भाजपा अपने ही साथियों को फायदा पहुंचाने की कोशिश में है, उन्हें जल्द से जल्द रोका जाए।
आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और करोल बाग से विधायक विशेष रवि ने कहा कि पिछली दो प्रेस वार्ता में हमने आप लोगों को इसी विषय पर जानकारी दी थी। हमने बताया था कि एमसीडी स्कूलों की ज़मीन को बेचकर वहां पार्किंग बना रही है। अजमल खां रोज पर 2 स्कूलों को बेचकर भाजपा पार्किंग बनाने जा रही है।
उसी तरह से अगली प्रेस वार्ता में हमने बताया था कि पूषा लेन में चलते हुए स्कूल की ज़मीन को बेचकर वहां पार्किंग का प्रॉजेक्ट लाया जा रहा है। स्कूल की वह ज़मीन 6000 वर्ग मीटर की है, भाजपा आधी ज़मीन यानी 3000 वर्ग मीटर की ज़मीन को बेच रही है। शालीमार बाग का यह मामला भी बिल्कुल वैसा ही है, जहां रिहाइशी इलाके में एमसीडी का स्कूल बना हुआ है, उसको बेचकर पार्किंग प्रॉजेक्ट लाया जा रहा है।