- इंदौर, मध्य प्रदेश
गौ को ना केवल कामधेनु वरन् माँ स्वरूप हमारी भारतीय संस्कृति ने आत्मसात् किया है। अपने दूध, गोबर और मूत्र से जीवन रक्षण और पर्यावरण शुद्धता की मिसाल गौ – माता अपने स्वभाव से भी हमारी संस्कृति में निहित विनम्रता, सरल और कर्मशील जीवन शैली का परिचायक है। गाय में सभी ईश्वर का वास है ऐसा हमें हमारे पौराणिक शास्त्र बताते है। गाय पूजनीय है और गाय का संरक्षण, संवर्धन कर हम भारतीय सांस्कृतिक जिम्मदारियों को निभाने का काम करते है।”
डॉ. भरत शर्मा ने संस्था के सदस्यों को बधाई देते हुए कहा कि इस अभियान को राष्ट्रीय स्तर पर चलाये, गौ संरक्षण और संवर्धन पर जागरूकता अभियान चलाये। बीमारू और दूध ना देने वाली गायों को भी दुधारू गाय के समान पालन करें।
जय हो फाउंडेशन, म. प्र. द्वारा संचालित गौ संवर्धन महाअभियान की समिति के निदेशक छिन्दवाड़ा से पधारे श्री तरुण तिवारी द्वारा डॉ. भरत शर्मा (सदस्य – सांस्कृतिक मंत्रालय, भारत सरकार) का सम्मान शाल व स्मृतिचिन्ह देकर किया गया। संस्था जल्द ही प्रदेशीय स्तर पर जागरूकता और संवर्धन कार्यक्रम करने का वार्षिक तिथिपत्र जारी करेगी।