समाजसेवा के साथ गंदगी को मिल रहा बढ़ावा

  • पानी पिलाने, भंडारा खिलाने के बाद सड़कों पर पसर रहा कूड़ा
  • समाजसेवा के साथ-साथ गंदगी को भी मिल रहा भरपूर बढ़ावा

त्रिनाथ मिश्र, मेरठ

शहर में गर्मियों के समय में लोगों को पानी पिलाने के लिए अलग-अलग सड़कों पर लगाई गई छबील एवं भंडारे के कार्यक्रम में लोग समाज की दृष्टि से मदद तो करते हैं लेकिन उसके बाद का जो नजारा है वह देखने लायक होता है। सड़कों पर पसरी गंदगी और दूर-दूर तक पहले प्लास्टिक के गिलासों को देखकर मन में बड़ी पीड़ा होती है।

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समाज सेवा करने वाले लोगों में कम से कम इतनी तो श्रद्धा होनी चाहिए कि दान पुण्य के बाद शहर को गंदा ना करें। सच कहूं की टीम ने मेरठ के विभिन्न सड़कों पर लगी छबील और भंडारे की अलग-अलग तस्वीरें ली जिसमें साफ तौर पर जाहिर है कि सड़कों पर फैले हुए गिलास आने जाने वाले वाहनों के सहारे दूर-दूर तक फैल रहे हैं और शहर को गंदगी युक्त बना रहे हैं।

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एक ओर नगर निगम मेरठ पूरी कोशिश करके शहर को अच्छा बनाने में तल्लीन है तो दूसरी ओर समाज सेवा के नाम पर शहर को गंदा करने का जो चलन शुरू हो गया है उसे पर लगाम लगाने की आवश्यकता है। हजारों रुपए खर्च कर छबील लगाने वाले और भंडारा करने वालों को इन जगहों पर एक आदद कूड़ेदान की व्यवस्था करने में आखिर क्या जाता है?

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सूरजकुंड रोड पर लगाई गई छबीलों की तस्वीरें आप देख सकते हैं इन तस्वीरों में न केवल शहर को गंदा करने का माहौल दिख रहा है बल्कि शहर के प्रति एक अनदेखी जैसा माहौल भी दिख रहा है। आयोजकों को इस बात का ध्यान अवश्य रखना चाहिए कि यहां पर कूड़ा करकट को एक जगह रखने के लिए कूड़ेदान आदि की व्यवस्था आवश्यक रूप से हो।

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