नोएडा। ग्रेटर नोएडा में किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है, जो संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में हो रहा है। यह प्रदर्शन 10% विकसित भूखंड, बढ़े हुए मुआवजे, और अन्य लंबित मांगों के लिए आयोजित किया गया है। प्रमुख किसान नेता राकेश टिकैत समेत कई किसान संगठनों ने इसमें भाग लिया। महापंचायत के दौरान किसानों ने चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, तो वे आंदोलन को तेज करेंगे और दिल्ली कूच करेंगे।
इस प्रदर्शन ने नोएडा यातायात व्यवस्था को प्रभावित किया। दलित प्रेरणा स्थल से महामाया फ्लाईओवर तक जाम की स्थिति बन गई। किसान नेताओं ने प्रशासन को एक सप्ताह का समय दिया है, और अगर उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, तो वे दिल्ली की ओर कूच करेंगे। इस बीच, संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक होगी, जिसमें आगामी आंदोलन की रणनीति पर चर्चा की जाएगी।
सोमवार को नोएडा के राष्ट्रीय दलित प्रेरणा स्थल पर किसानों और पुलिस के बीच तीन घंटे तक तनावपूर्ण झड़प हुई। किसानों ने दिल्ली कूच की योजना बनाई थी, लेकिन पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर उन्हें रोकने की कोशिश की। किसान नेताओं ने पहली और दूसरी बैरिकेडिंग तोड़ने का प्रयास किया, लेकिन पुलिस ने उन्हें तीसरी पर रोक दिया। इसके बाद किसानों ने निजी वाहनों से नोएडा पहुंचकर अपना प्रदर्शन जारी रखा।
इस आंदोलन में महिलाओं ने भी सक्रिय रूप से भाग लिया। वे पुरुष किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर अपनी मांगों को सरकार के सामने रखने के लिए संघर्ष कर रही हैं। किसान नेता और महिला आंदोलनकारी दोनों ही एकजुट होकर अपनी मांगों को मनवाने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं।
किसानों ने ठंड से बचने के लिए खुद ही व्यवस्था की। वे ट्रैक्टर-ट्रॉली में लगे टिपलर का सहारा लेकर रात बिता रहे हैं। किसानों ने बताया कि प्राधिकरण द्वारा किए गए वादे अभी तक पूरे नहीं किए गए, और न ही उनके लिए कोई ठोस व्यवस्था की गई। वे विरोध प्रदर्शन के दौरान ठंड का सामना कर रहे हैं, लेकिन सरकार से अपनी मांगें पूरी करने की उम्मीद लगाए हुए हैं।
किसानों ने अपनी खाने-पीने की व्यवस्था भी खुद की है। हलवाई द्वारा सुबह चाय और पकौड़ी का वितरण किया जाता है, जबकि दोपहर में 1000 किसानों के लिए पूरी सब्जी बनाई जाती है।
किसान आंदोलन के कारण यमुना एक्सप्रेसवे और जेवर टोल प्लाजा पर भारी वाहनों की लंबी कतारें लग गईं, जिससे यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। पुलिस ने भारी वाहनों के मार्ग डायवर्ट किए और यातायात व्यवस्था को सामान्य करने की कोशिश की। साथ ही, पुलिस ने आंदोलन की निगरानी के लिए ड्रोन कैमरों का इस्तेमाल किया और सुरक्षा बढ़ा दी।
नोएडा के किसानों ने आज अपना आंदोलन शुरू करने से पहले हवन किया।
किसानों ने बताया कि किसी भी महत्वपूर्ण कार्य को शुरू करने से पहले हवन किया जाता है, और आंदोलन की शुरुआत भी इस परंपरा का हिस्सा थी। यह आंदोलन यमुना, नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के खिलाफ है, जिसमें बढ़े हुए मुआवजे और भूमि की मांग को लेकर किसानों का संघर्ष जारी है। लगभग एक दर्जन किसान संगठन इस आंदोलन में शामिल हैं।
इस आंदोलन को समाजवादी पार्टी सहित विभिन्न राजनीतिक दलों का समर्थन प्राप्त है। सपा नेता सुनील चौधरी ने कहा कि उनकी पार्टी किसानों की आवाज के साथ है और हर संभव मदद करेगी। किसान नेता यह स्पष्ट कर चुके हैं कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, उनका आंदोलन जारी रहेगा।
नोएडा में यह आंदोलन किसानों की कई लंबित मांगों को लेकर है, जिनमें मुआवजा बढ़ाने, भूमि अधिग्रहण और अन्य मुद्दे शामिल हैं। किसान अपनी मांगों के समर्थन में ठंड और कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं, और उनका यह संघर्ष तब तक जारी रहेगा जब तक सरकार उनके मुद्दों को हल नहीं करती।