कैराना। केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों को लेकर किसान मुखर है। गांव शेखूपुरा में किसान आंदोलन के समर्थन में किसानों की बैठक हुई। किसानों ने कृषि कानून वापस न लिए जाने पर गांव-देहात से बड़ी संख्या में दिल्ली कूच करने का निर्णय लिया है।
गुरुवार को खंड विकास क्षेत्र के गांव शेखूपुरा निवासी तेगसिंह के आवास पर किसान आंदोलन के समर्थन में किसानों की बैठक हुई। इस दौरान किसान आत्माराम चौहान ने कहा कि पिछली सरकारों से तंग आ चुके थे, इसलिए यह सरकार बनाई थी। इन्होंने बिजली, गन्ने, युवाओं को नौकरी देने के झूठे-सच्चे वादे किए थे। उस समय कहा था कि 14 दिन में गन्ने का भुगतान मिलेगा, लेकिन भुगतान तो भुगतान गन्ने का रेट भी नहीं दिया गया।
पर्चियां भी शून्य दिखा रही है। उन्होंने कहा, सरकार कहती है कि धान खरीदेंगे। अब हमें शामली जिले में एक भी केंद्र बता दो, जहां धान खरीदा गया हो। गेहूं खरीदा था, जिसमें आधे किसान गेहूं लेकर वापसी घर आए। यह गेहूं बारिश में खराब हो गया। इन कानूनों पर कैसे सरकार का विश्वास करें। उन्होंने कहा वर्तमान में डीजल-पेट्रोल के दाम देख लीजिए, कहां पहुंचा दिए हैं। सुरेशपाल ने कहा कि हम कृषि कानूनों के विरोध में हैं। सरकार किसानों के बारे में कुछ नहीं सोच रही, उद्योगपतियों के बारे में ज्यादा सोचती है। उन्होंने कहा कि विपक्ष पर भी हमें भरोसा नहीं है।
गन्ने का भुगतान 14 दिन के बजाय 14 महीने में भी नहीं मिला। योगेंद्र ने कहा किसान एमएसपी पर गारंटी चाहता है, जो सरकार कर नहीं रही। गारंटी दें तो ठीक है। उन्होंने कहा कि धान 1800 में बिकता था, अब 1200 रुपए में बिका। एमएसपी पर बिका नहीं। तेगसिंह ने कहा कि किसानों को एमएसपी पर गारंटी मिलें और कृषि कानून वापस ही ले लें, तो सरकार का धन्यवाद होगा। हम कानून नहीं चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि गन्ना भुगतान बिल्कुल शून्य है। पिछले सत्र का भी रुका हुआ है। किसान बेहद परेशान हैं। किसानों ने बताया कि कृषि कानून वापस नहीं लिए जाने गांव-देहात से बड़ी संख्या में दिल्ली कूच करने की सहमति बनी है। वे दिल्ली कूच करेंगे। इस दौरान रोहताश, महेंद्र, सुरेश, वकील, विनोद, विलियम, अंकित, ईशम सिंह, धर्मवीर, अरविंद, अंग्रेज, सुभाष, बिट्टू आदि उपस्थित रहे।