Film Power Star Review: पवन ने महिला पत्रकार की इज्जत तार-तार की

Film Power Star Review में आज बात होगी भोजपुरी अभिनेता पवन सिंह की हालिया रिजील ट्रेलर पावर स्टार में निभाये किरदारों की… जिसमें एक महिला पत्रकार को बेहूदे और निगेटिव नजरिये से ट्रीट किया गया है…

मलाल है मगर इतना मलाल थोड़ी है,
ये आंखे रोने की शिद्दत से लाल थोड़ी है
बस अपने वास्ते ही फिक्रमंद हैं सब लोग
यहां किसी को किसी का खयाल थोड़ी है…

‘परवीन शाकिर’ साहब की ये पंक्तियां हमें ये बताती हैं कि इस दुनिया में हर व्यक्ति अपनी ही ख्वाहिसों में कैद है और उसे इस बात का कोई मतलब नहीं है कि उसके कार्यों से समाज पर क्या प्रभाव पड़ता है…दरअसल ये बात इसलिये हो रही है कि हाल ही में भोजपुरी गायक व अभिनेता पवन सिंह ने अपनी बायोग्राफी पर आधारित फिल्म पावर स्टार का ट्रेलर जारी किया है…. इसमें कहानी यह बताई गई है उनकी गायकी की वजह से कोई राजनेता चुनाव जीत जाता है और बाद में पवन की उससे कन्ट्रोवर्सी होती है….

बहरहाल इसमें एक जगह पर पवन सिंह एक महिला पत्रकार को कलम वाई बाई कहकर पुकारते हुये देखे जाते हैं…इस फिल्म का ट्रेलर दिखकर ही लग रहा है पवन सिंह किसी घटिया व दोयम दर्जे के डायलॉग राइटर के चक्रव्यूह में फंस गये हैं… जो न केवल अपनी पिछली जिंदगी से हताश है बल्कि अव्वल दर्जे का चोर भी है… जब ई–रेडियो इंडिया ने पावर स्टार फिल्म के Screenplay & Dialogues लिखने वाले जावेद अहमद नाम के व्यक्ति से फोन पर बातचीत की और बधाई देते हुये अपनी शिकायत दर्ज कराई तो वह एकदम से आपे से बाहर हो गया… पहले सुनिये उसकी बातचीत की रिकार्डिंग…

इस बदहवास, हताश और निराश–रोगी से विनम्रता पूर्वक पूछने के बाद भी इसे इज्जत राश न आई… बहरहाल मैने सोचा की ‘कलम वाली बाई’ के आखिर मायने क्या हैं? गूगल पर तो कोई ऐसा शब्द मिला नहीं… फिर हमने दर्जनों किताबों के लेखक, कवि व गजलकार डॉ. डीएम मिश्र से इसका अर्थ पूछा…

कहते हैं कि गलतफहमी का चस्मा स्वयं की आंखो को ही रौशनी से मुक्त कर देता है… यही चस्मा पवन सिंह को उनकी फिल्म के राइटर ने पहना दिया है… नाना पाटेकर की फिल्म क्रान्तिवीर में इस्तेमाल हुये प्रसिद्ध डाॅयलाग को नकलची जावेद अहमद ने हूबहू टीप दिया… इस नकलची बंदर ने हर कोशिश की है कि मैं आवेग में आऊं और उसे कुछ कहूं…. मगर हमने संयमित होकर… इसकी गिरी हुई हरकतों को सुना… ये कह रहा था कि मैं थूक दूं तो पत्रकार पैदा हो जाता है…. मिस्टर जावेद हमारे इधर मेरठ में थूककर कुछ और ही किया जाता है बेटा… कभी मिलेगा तो बताऊंगा तुझे…

शायद बालीवुड में काम न मिलने से हताश जावेद को भोजपुरी से दाल–रोटी के जुगाड़ की उम्मीद है… तभी तो अब पहुंच गया है भोजपुरी कलाकारों को बदनाम करने… ये तो है इस फिल्म का एक पहलू अब जरा दूसरे पहलू पर भी नजर डालते हैं… अक्सर छोटी–छोटी बात पर भी पर्वत उठा लेना पवन की आदत है और वो इसी कारण अक्सर विवादों में रहते हैं…

अब इस कथित बालीवुड के सड़क–छाप डायलाग लेखक ने पवन सिंह की जिंदगी में जल रही आग में घी डालने का काम किया है…आप जिन पत्रकारों की वजह से लाइमलाइट में आये और जिनकी खबरों की वजह से घर में चार दाने का जुगाड़ हो गया अब उस बिरादरी को ही अपनी फिल्मों में अपमानित करते हुये पवन सिंह जरा भी नहीं हिचकिचाये…

रियल लाइफ में चुनाव हार कर दोयम दर्जे का राजनेता बन चुके पवन सिंह से वैसे भी इज्जत की उम्मीद नहीं की जा सकती… खासतौर पर महिलाओं की इज्जत करने की उम्मीद तो बिलकुल भी नहीं…

इसका प्रमाण है उनके द्वारा अपनी पत्नियों से की गई बदसलूकी और भौंड़ापन…हालाकि लोक लाज की वजह से पवन सिंह की पूर्व पत्नियां खुले आम कोई भी जुर्म बयां करने से कतराती हैं लेकिन… फिर भी सुनिये इस पावर स्टार का महिलाओं के प्रति क्या है नजरिया….

पवन सिंह की पहली पत्नी नीलम सिंह ने शादी के तीन महीने बाद ही फांसी लगाकर जान दे दी थी. रिपोर्ट्स की मानें तो इसकी वजह एक्टर पवन सिंह को ही माना गया था. नीलम की बहन ने बताया था काम की वजह से पवन हमेशा बिजी रहते थे और नीलम को वक्त नहीं देते थे. इस कारण नीलम टेंशन में रहती थीं…

इसके बाद पवन सिंह का नाम भोजपुरी सिनेमा की मशहूर सिंगर अक्षरा सिंह के साथ जुड़ा…. एक इंटरव्यू में अक्षरा ने खुद खुलासा किया था कि पवन उनके साथ मारपीट करते थे, जबरदस्ती बिना गलती के माफी मंगवाते थे. वो अक्षरा से शादी करने के लिए एक कॉन्ट्रैक्ट साइन करवाना चाहते थे, जिसके तहत वो कभी उनकी प्रॉपर्टी पर हक नहीं जताएंगी. पवन ने अपने ईगो को शांत करने के लिए उनसे कई तरह की चीजें करवाई हैं….

अक्षरा कह चुकी हैं कि उनके लिए पवन सिंह भगवान की तरह थे. वो उनके प्यार में इतना पागल थीं कि घरवालों से छिप–छिप कर उनसे मिलने जाती थीं. उनके सारे काम करती थीं. यहां तक कि पवन सिंह ने कई बार भरी सभा में उनसे उनके पैर छूने के लिये भी कहा. अक्षरा को रिश्ते में झटका तब मिला, जब पवन सिंह ने उन्हें धोखा देकर ज्योति सिंह से गुपचुप शादी रचा ली. पवन सिंह की इस हरकत से अक्षरा ऐसा टूटीं कि उन्हें इससे बाहर आने में कई साल लग गए…

पवन सिंह ने बलिया की ज्योति सिंह से 2018 में दूसरी शादी रचाई थी. कुछ सालों तक ये रिश्ता अच्छा चला लेकिन फिर 5 साल बाद खबर आई कि ज्योति ने तलाक की अर्जी डाली है. वजह बताते हुए ज्योति ने पवन और उनकी मां पर मारपीट और घरेलू हिंसा का आरोप लगाया था. ज्योति ने ये भी कहा था कि वो उनका अबॉर्शन तक करा चुके हैं. हालांकि बाद में ज्योति ने इस केस को वापस ले लिया, और एक्टर के चुनाव प्रचार में भी साथ दिया…

पवन सिंह और खेसारी लाल यादव की जुबानी जंग भी जगजाहिर है. इंडस्ट्री में दोनों ही हिट हैं लेकिन दोनों ही एक दूसरे के साथ होने की बात कर कटाक्ष करते रहते हैं. इंडस्ट्री में एक दूसरे को छोटा दिखाने और जहर उगलते हुए, खुद को दोस्त बताने की पवन और खेसारी की ये जंग चलती आ रही है. पवन का मानना है कि खेसारी हमेशा उनसे कम्पीटीशन रखते हैं लेकिन उनके लिए वो कोई कम्पेटीटर नहीं हैं और ना ही दोस्त हैं.

दारू पीकर स्टेज पर गाना पवन सिंह की जिंदगी से जुड़ा वो विवाद है, जिसके बारे में हमेशा चर्चा होती है. इसके अलावा उनके इवेंट्स में भगदड़ मचना, तोड़फोड़ और गाली गलौच होना भी बेहद आम बात है. कई बार उन पर तोड़फोड़ कराकर पब्लिसिटी कराने का आरोप भी लग चुका है.

अब बात कर लेते हैं चुनाव की जिसमें पवन सिंह को उनका अभिमान चूर–चूर करने में पूरी भूमिका निभाई…

वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में काराकाट लोकसभा सीट पर भोजपुरी के स्टार पवन सिंह की करारी हार हुई। वो सोच रहे थे कि चुनाव जीतकर मनोज तिवारी, रवि किशन व निरहुआ की बराबर कर लूंगा…. मगर यहां सीपीआई (ML) के उम्मीदवार राजा राम सिंह 1 लाख 5 हजार 858 वोटों से चुनाव जीत गए। राजाराम सिंह को 3 लाख 80 हजार 581 वोट मिले। वहीं भोजपुरी फिल्मों के पावर स्टार पवन सिंह को लगभग पौने तीन लाख वोट मिले।

इस तरह से काराकाट लोकसभा चुनाव में दो लाख 74 हजार 723 मतदाताओं ने मिलकर इस कथित पावर स्टार को दोयम दर्जे का राजनेता घोषित कर दिया।

यानी रियल लाइफ में फ्लॉप हो जाने के बाद पवन सिंह अपने मन की भड़ास बड़े पर्दे पर उतार रहे हैं… अब वो खुद को स्वयंभू पावर स्टार साबित करने के लिये काल्पनिक दुनिया का सहारा ले रहे हैं… और समाज को नई चेतना देने वाले पत्रकार बिरादरी को कलम वाली बाई कहकर बुला रहे हैं…भाई कुछ तो शरम करो … यार…. मेरे फ्लॉप सांसद जी… इस छपरी को और गले लटका लिया तुमने…

उमैर नजमी जी कहते हैं कि…

झुक के चलता हूं कि कद उसके बराबर न लगे
दूसरा ये कि उसे राह में ठोकर न लगे
ये तेरे साथ तअल्लुक का बड़ा फायदा है
आदमी हो भी तो औकात से बाहर न लगे