जौनपुर। भीषण गर्मी ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी है। गर्मी के चलते लोगों की सेहत पर असर पड़ रहा है। आमजन में गर्मी को लेकर अकुलाहट हैं। पशु-पक्षी बेहाल हैं। वहीं मौसम के बदले इस रुख के चलते अस्पतालों में मरीजों की भीड़ बढ़ रही है। चिकित्सकों के अनुसार बाहर निकलने वाले लोग हीटस्ट्रोक के शिकार हो रहे हैं। बच्चों में डायरिया की शिकायत बढ़ गई है। अस्पतालों में भर्ती ज्यादातर लोग उल्टी-दस्त, पेट दर्द और बुखार से पीड़ित हैं।
जिला अस्पताल की ओपीडी में हर दिन 70 से 75 मरीज बुखार, उल्टी-दस्त व डायरिया के आ रहे हैं, जिसमें से 40 से अधिक प्रतिशत को भर्ती करना पड़ता है। यही हाल सीएचसी का भी है। यहां भी मरीजों की संख्या बढ़ी है। बाल रोग विशेषज्ञ ने बताया कि ज्यादातर मरीजों को उल्टी-दस्त और पेट दर्द की शिकायत आ रही है। ऐसे बच्चों को तत्काल अस्पताल में आएं। मरीजों का उपचार कर घर जाने के लिए तीमारदारों से कहा जा रहा है। फिजीशियन ने बताया कि इन दिनों बुखार के मरीज बढ़ गए हैं। उल्टी-दस्त वाले मरीज भी आ रहे हैं। ग्लूकोज चढ़ाने की और अन्य इलाज की जरूरत महसूस हो रही है।
सामान्य दिनों में ओपीडी में साढ़े चार से पांच सौ मरीज आते हैं। लेकिन इन दिनों गर्मी अधिक पड़ने के कारण ओपीडी में मरीजों की संख्या बढ़कर ज्यादा हो गयी गई है। तीखी धूप के चलते बीमारी बढ़ रही है। इससे बचने का सबसे अच्छा उपाय है कि तेज धूप में घर से न निकलें। यदि निकलना जरूरी ही है तो शरीर ढंक कर रखें। सिर को भी ढंकें। बच्चों को घर से बाहर न निकलने दें, क्योंकि तीखी धूप बच्चों के सेहत पर प्रभाव डालती है।
कहा कि लू व धूप से बीमार होने पर यदि बुखार आ जाए तो शरीर को ठंडे पानी से खूब पोंछे, ओआरएस घोल लें, यदि यह न हो तो चुटकी भर नमक व चीनी का घोल बनाकर पीएं। संभव हो तो पानी को उबाल कर ठंडा करने के बाद प्रयोग करें। क्यों गर्मी में जब जल स्तर घटता है तो पानी में संक्रमण बढ़ जाती है। ऐसे में स्वच्छ पानी का प्रयोग पीने के लिए करें। वहीं गर्मी के चलते पेय पदार्थ के साथ ही मौसमी फल के बिक्री में तेजी आई है। तरबूज, खरबूज, खीरा, ककड़ी की बिक्री खूब हो रही है।