होम्योपैथी क्या है?
होम्योपैथी एक प्राचीन और प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति है जो विश्वभर में स्वास्थ्य सुधारने के लिए प्रयुक्त होती है। यह उनके लिए एक अद्वितीय विकल्प है जो दवाओं के दुष्प्रभावों से परेशान हैं और प्राकृतिक तरीके से स्वास्थ्य को बेहतर बनाना चाहते हैं।
होमियोपैथी (Homoeopathy) का प्रारम्भ जर्मनी के एक प्रसिद्ध डॉक्टर हैनीमैन ने किया था। इस चिकित्सा पद्दति के जन्मदाता डॉ. क्रिस्टियन फेड्रिक सैमुअल हैनिमैन हैं। वर्तमान में विश्व भर में लगभग 20 करोड़ लोग होमियोपैथिक दवाओं व उपचारों को अपनाते है। होमियोपैथी भारत की दूसरी सबसे लोकप्रिय चिकित्सा पद्धति है।
होम्योपैथी का उद्देश्य और दायित्व
होम्योपैथी का मुख्य उद्देश्य शरीर को स्वस्थ और सुख-शांति की दिशा में प्रेरित करना है। यह न केवल रोग के लक्षणों को दूर करने की कोशिश करती है, बल्कि रोग की मूल कारणों को ठीक करने का प्रयास करती है। यह दवाओं के साथ रोगी के शारीरिक, भावनात्मक और मानसिक स्तर पर भी काम करती है। होमियोपैथी एक ऐसा चिकित्सा विज्ञान है जिसमें बीमारी का इलाज ऐसी दवाओं द्वारा किया जाता है जिनका परीक्षण पूरी तरह से स्वस्थ मनुष्यों पर किया जा चुका हो।
किसी भी स्वस्थ शरीर में किसी एक दवा का बार- बार प्रयोग करने पर दवा के लक्षणों से शरीर में कितने ही लक्षण प्रकट होते रहते हैं। अगर किसी बीमारी में वे सब लक्षण प्रकट हों तो उस रोग में उसी दवा की सूक्ष्म मात्रा प्रयोग कर के जो चिकित्सा की जाती है उसे ही होम्योपैथी कहा जाता है।
होम्योपैथी दवाएं कैसे काम करती हैं?
होम्योपैथी के दवाएं अत्यंत सूक्ष्म मात्राओं में होती हैं और वे शरीर के स्वास्थ्य सिस्टम को स्वयं ठीक करने की क्षमता रखती हैं। यह दवाएं विशेष समस्याओं के लिए तैयार की जाती हैं और रोग के लक्षणों और व्यक्तिगत प्राकृतिकी के साथ मेल करती हैं।
होम्योपैथी की दवाओं के साथ आवश्यक सावधानियां :-
- दवाओं को बिना डॉक्टर की सलाह के कभी भी न लें।
- दवा लेने के आधे घंटे पहले और आधे घंटे के बाद या दूसरी दवा लेने से पहले कुछ न खाएं।
- दवाइयों के बीच में 15 मिनट से आधे घंटे का अंतर रखें।
होम्योपैथी इलाज के दौरान क्या न खाएं
आपको होम्योपैथी इलाज कराते समय तत्वों के साथ सावधान रहना चाहिए। आपको नींबू, गर्मी वाली चीजें, धूप, कॉफी, मिर्च, तम्बाकू, गुटखा, अल्कोहॉल, अधिक तली हुई चीजें और अधिक मीठा आदि से बचना चाहिए।
होम्योपैथी दवा लेने का तरीका
होम्योपैथी दवाएं चबाकर नहीं बल्कि आपकी भाषा में ताजगी से पिघल जाने पर होती हैं। इन्हें साफ पानी के साथ लेना चाहिए।
समापन में, होम्योपैथी एक विशेष चिकित्सा पद्धति है जो स्वास्थ्य को पुनर्स्थापित करने में मदद कर सकती है, लेकिन यह डॉक्टर की सलाह और सावधानी के साथ होना चाहिए। रोगी को अपने आहार और जीवनशैली में सुधार करने की भी आवश्यकता होती है ताकि होम्योपैथी इलाज सही तरीके से काम कर सके।