अन्न सेवा का अर्थ है भूखों और जरूरतमंदों को निःस्वार्थ भाव से भोजन कराना। यह एक प्रकार की मानवीय सेवा है, जिसमें व्यक्ति दूसरों की भूख मिटाने के लिए बिना किसी लालच, भेदभाव या अपेक्षा के अन्न प्रदान करता है।
यह सेवा हमारे समाज में करुणा, दया और सामूहिक जिम्मेदारी का प्रतीक मानी जाती है। जब कोई व्यक्ति भूखा होता है, तो सबसे पहला और बुनियादी अधिकार है – भोजन। अन्न सेवा इसी अधिकार को पूरा करने का प्रयास है।
अन्न सेवा के मुख्य उद्देश्य:
- भूखों की भूख मिटाना
- मानवीय संवेदनाओं को जाग्रत करना
- समाज में समानता और एकता को बढ़ावा देना
- “वसुधैव कुटुम्बकम्” की भावना को जीवंत करना
धार्मिक और सामाजिक महत्व:
- भारत की कई परंपराओं में अन्न सेवा को उच्च स्थान प्राप्त है।
- सिख धर्म में लंगर की परंपरा है – जहाँ कोई भी व्यक्ति, किसी भी जाति, धर्म या वर्ग से हो, मुफ्त भोजन कर सकता है।
- हिंदू धर्म में भंडारे और अन्नदान को पुण्य कार्य माना गया है।
- जैन धर्म और बौद्ध धर्म भी अन्न सेवा को करुणा का सर्वोच्च रूप मानते हैं।
अन्न सेवा सिर्फ भूख मिटाना नहीं, बल्कि एक इंसान से दूसरे इंसान तक प्रेम, सम्मान और संवेदना पहुँचाने का माध्यम है। यह सेवा समाज को जोड़ती है और बताती है कि इंसानियत अब भी ज़िंदा है।
मासिक अन्न सेवा कार्यक्रम
मासिक अन्न सेवा कार्यक्रम डिजिटल न्यूज चैनल ई-रेडियो इंडिया का अभिन्न कार्यक्रम है जो न केवल समाज को सिंचित करने का कार्य कर रहा है बल्कि युवाओं में सेवाभाव का प्रेरणा भी दे रहा है। यह कार्यक्रम वरिष्ठ पत्रकार व ई-रेडियो इंडिया के संपादक त्रिनाथ मिश्र ने अपनी मां श्रीमती अनारा देवी जी स्मृति में शुरू की है। इसकी शुरुआत दिनांक 19 अप्रैल 2025 से की गई है।
जुड़ें और बनें अन्न सेवा वालंटियर
मासिक अन्न सेवा कार्यक्रम को और भी बड़ा बनाने व अधिक जरूरतमंद लोगों तक पहुंचाने के लिये आप वालंटियर बनकर सहयोग प्रदान कर सकते हैं। इस कार्यक्रम में आप निम्न लिखित स्वरूपों में सहयोग दे सकते हैं-
- सोशल मीडिया वालंटियर बनकर
- आर्थिक सहयोग देकर
- अनाज का सहयोग देकर
- श्रम सेवा के माध्यम से
- बौद्धिक सहयोग देकर
- सामाजिक सहयोग देकर
अधिक जानकारी के लिये आप सीधे ह्वाट्सअप कर सकते हैं नीचे दिये नंबर पर, कृपया ध्यान दें कि काल करने का समय सुबह दस बजे से शाम के पांच बजे तक ही है-
- 9808899381, 9412158734
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