- अर्चना सिंह, नई दिल्ली
राजधानी दिल्ली के इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में साहित्य प्रेमी मंडल एवं मास्टर टेक्सटाइल ग्रुप के संयुक्त तत्वावधान में कॉसमॉस ग्रुप ऑफ एजुकेशन के मैनेजिंग डायरेक्टर सुविख्यात शिक्षाविद एवं कलाकार राजेश कुमार द्वारा विभिन्न वस्तुओं से भगवान श्री गणेश के सर्वाधिक चित्र बनाने का विश्व रिकॉर्ड बनाने पर राजधानी दिल्ली के इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में भव्य अभिनंदन समारोह गर्वानुभूति एवं विराट कवि सम्मेलन का भव्य आयोजन किया गया।
जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में भाजपा सांसद मनोज तिवारी और रमेश विधूड़ी व कई दिग्गज नेताओं में शिरकत की,क्रयक्रम में मौजूद रहे अतिथिगण पदम श्री सतपाल जी ,आईपीएस एस.के गौतम, पूर्व विधायक कुलदीप कुमार ,पूर्व विधायक नासिर सिंह पूर्व विधायक और एन. शर्मा,अरुणा शर्मा रणवीर जी,कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलित कर की गई कार्यक्रम में राजेश कुमार द्वारा बनाई गई भगवान श्री गणेश जी के सर्वाधिक चित्र भी लगाए गए।
जिनका सांसद मनोज तिवारी और रमेश विधुड़ी व अन्य नेताओं ने दर्शन किए और चित्र की सुंदरता को देख और जमकर प्रशंशा की वही पत्रकारों से बातचीत कर सांसद रमेश विधुड़ी ने कहा कि ये बहुत ही गर्व की बात है कि राजेश कुमार बहुत ही अद्भुत चित्रकारी करने वाले चित्रकार है साथ ही सांसद मनोज तिवारी ने राजेश कुमार को अद्भुत चित्रकारी बताते हुए सरकार से पद्म श्री से सम्मानित करने की बात की वही सभी राजनेताओं ने राजेश कुमार की जमकर तारीफ की।
जब पत्रकारों ने राजेश कुमार से बात की तो उन्होंने बताया कि में जब 10 साल का था तभी से चित्रकारी कर रहा हूँ समय के साथ मेरी चित्रकारी मेरा शौक बन गया। उन्होंने आगे कहा की यह सारी प्रेरणा मुझे मेरी माता जी से ही मिली है जो किसी भी चीज को व्यर्थ नहीं जाने देती थी जाने देती थी।जब कागज या अखबार उनको व्यर्थ दिखाई देते थे तो वह उसे पानी में भिगोकर किसी सांचे में डालकर कुछ टोकरा या कुछ अन्य उपयोगी सामान बना लिया करती थी।
उन्होंने जीवन में बहुत सारे ऐसे कार्य करें जो मुझे बहुत प्रभावित करते हैं। और शायद उन्हें की प्रेरणा से मैं इस काम को किया मैंने पेंटिंग बनाने का प्रशिक्षण कहीं भी नहीं लिया है यह सब मुझे बड़ों की प्रेरणा से ही आया है। मैंने लकड़ी के बारूदे, धागे, बटंस अखबार ,फॉयल पेपर,पेड़ों के पत्ते आदि से गणेश जी को चित्रित किया।
शायद मेरी पेंटिंग लोगों को प्रेरणा दे पाए तो मैं अपने आप को बहुत भाग्यशाली समझूंगा, क्योंकि आप इस प्रकृति से ली हुई वस्तु को व्यर्थ ना करें। हर चीज अपने आप में बहुत उपयोगी है ,प्रकृति से लिए गए संसाधनों का हमें सही इस्तेमाल करना आना चाहिए शायद मेरी पेंटिंग के माध्यम से यही प्रेरणा लोगों तक पहुंचाने का प्रयास करता हूं। कला आपको कहीं ना कहीं एक ऐसे सुखी अनुभूति कराती है जो शायद आपको हजारों लाखों रुपए खर्च करके भी नहीं हो सकता, कला के माध्यम से आप अपने आप को दिन-ब-दिन निखार सकते हैं।