सुल्तानपुर। अब ऐसा लगता है कि पुलिस दुष्कर्म जैसे मामलों में भी पीड़िता का साथ नहीं देने पर आमादा है। ऐसे कई मामले हैं जब कोर्ट से मुकदमा दर्ज करने का आदेश हो तब भी पुलिस अपने आकाओं के संरक्षण में खुद को पाक-साफ कहलाने का ठप्पा लिए घूमती है।
ऐसा ही एक मामला थाना मातिगरपुर का है जहां पर रेप पीड़िता इंसाफ के लिए 6 महीने से थाने के चक्कर काटती रही और न्याय न मिलता देख अंत में उसे आमरण-अनशन पर बैठना पड़ा। तब कहीं जाकर 48 घंटे बाद पुलिस ने केस दर्ज किया।
कादीपुर कोतवाली के मोतिगरपुर थाने के एक गांव की मजदूर महिला का आरोप है, वो बीती 20 जून को शाम करीब 6:30 बजे आसपास मोतिगरपुर थाना क्षेत्र के एक गांव में अपने मायके जा रही थी।
तभी एक व्यक्ति जिसकी बाइक का नंबर UP 44 AF 9925 है वो रास्ते में पहुंचा। उसने नशीला पदार्थ सूंघाकर मेरा अपहरण किया और फिर सुनसान जगह ले जाकर मेरे साथ बलात्कार किया। मेरे साथ कई लोगों ने गलत काम किया। उन लोगों ने मेरे साथ मारपीट भी की।
‘मैं मोतिगरपुर थाने पर अपनी शिकायत लेकर गई लेकिन मेरी वहां सुनवाई नहीं हुई। तहसील स्तर से लेकर जिला स्तर के अधिकारियों को शिकायती पत्र दिया। फिर भी मुकदमा पंजीकृत नहीं किया गया।’ – दुष्कर्म पीड़िता
शासन से आदेश भी हुआ जिसे अधिकारियों ने अनसुना कर दिया। ऐसे में परेशान होकर दो दिन पूर्व पीड़िता नगर के तिकोनिया पार्क में परिवार के साथ अनिश्चित कालीन आमरण अनशन पर बैठ गई।
तहसीलदार सदर और एसडीएम सदर बहुत कहने के बावजूद महिला प्रदर्शन पर अड़ी रही। मोतिगरपुर थाना अध्यक्ष ज्ञानचंद शुक्ल ने बताया कि दुष्कर्म समेत अन्य धाराओं में अभियोग दर्ज किया गया है। मुंशी की चूक से दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज किया गया लेकिन जल्द सुधार कर गैंगरेप की धारा में केस दर्ज किया जाएगा।
थाना करौंदीकला में भी ऐसा ही मामला
आपको बता दें कि कोर्ट से मुकदमा लिखने के बाद थाना करौंदीकला में एक दुष्कर्म के आरोपी के खिलाफ पुलिस मुकदमा नहीं दर्ज कर रही है और बार-बार पीड़िता को परेशान होना पड़ रहा है। ऐसे में लगता है कि करौंदीकला थाने के पुलिसकर्मियों को अब कोर्ट का भी डर नहीं है और वो खुद में न्यायालय बने बैठे हैं।