Rakha Bandhan 2024: रक्षा-बंधन यानि – रक्षा का बंधन, एक ऐसा रक्षा सूत्र जो भाई को सभी संकटों से दूर रखता है। यह त्योहार भाई-बहन बीच स्नेह और पवित्र रिश्ते का प्रतिक है। रक्षाबंधन एक सामाजिक, पौराणिक, धार्मिक और ऐतिहासिक भावना के धागे से बना एक ऐसा पावन बंधन है, जिसे रक्षाबंधन के नाम से जाना जाता है।
इस वर्ष रक्षाबंधन पर कई शुभ संयोग बनने वाले हैं। इस बार रक्षाबंधन पर रवि योग, शोभन योग साथ सिंह राशि में सूर्य- बुध- शुक्र एक साथ बैठकर त्रिग्रही योग बनाएंगे। सोमवार का दिन होने की वजह से यह संयोग अत्यंत शुभ है। यानी इस बार रक्षाबंधन पर शिव शक्ति की कृपा बरसेगी। रक्षाबंधन में इस बार भद्राकाल की बाधा 19 अगस्त को प्रातः 5:33 से दोपहर 01:24 तक रहेगी। सोमवार दोपहर 1. 25 बाद रक्षाबंधन करें।
भद्रा रक्षाबंधन निषेध माना जाता है। कहते हैं कि भद्राकाल में भाई को राखी नहीं बांधनी चाहिए। पौराणिक मान्यता अनुसार, शूर्पणखा ने रावण को भद्रा काल में ही राखी बांधी थी और रावण का पूरा साम्राज्य उजड़ गया था।
Rakha Bandhan 2024: जाने कौन है भद्रा
पुराणों के अनुसार, भद्रा न्याय के देवता शनि देव की बहन यानी सूर्यदेव की पुत्री है। ऐसा कहा जाता है कि भद्रा का स्वभाव क्रोधी है। भद्रा के स्वभाव काबू में करने के लिए भगवान ब्रह्मा ने उन्हें पंचांग के एक प्रमुख अंग विष्टि करण में स्थान दिया था। जानकारी के लिए बता दें कि भद्राकाल के दौरान शुभ और मांगलिक कार्य करना वर्जित है। भद्राकाल के समापन के बाद शुभ कार्य किए जा सकते हैं। इसलिए रक्षाबंधन पर भद्रकाल में राखी नहीं बांधी जाती है।
रक्षाबंधन की पौराणिक मान्यता
महाभारत के अनुसार, शिशुपाल का वध करने के बाद जब श्रीकृष्ण की अंगुली पर सुदर्शन चक्र वापस बैठने के लिए लौटने लगा तो कृष्णजी की कलाई पर चोट लग गई। ऐसे में द्रौपदी नें तुरंत साड़ी का पल्लू फाड़कर कृष्णजी की कलाई पर बांध दिया है। भगवान कृष्ण इससे बहुत प्रसन्न हुए और उन्होंने द्रौपदी की जीवनभर रक्षा करने का वचन दिया। जब पांडव कौरवों के हाथों द्रौपदी को जुए में हार गए तो कृष्णजी ने उनके सम्मान की रक्षा कर अपने वचन को निभाया। तब से ही रक्षाबंधन के दिन भाई की कलाई पर राखी बांधे जाने की परंपरा शुरु हुई।
राखी बांधने की विधि
Rakha Bandhan 2024 में राखी बांधने के लिए सबसे पहले थाली में रोली, अक्षत मिठाई और राखी रख लें। अब सबसे पहले भाई के दाहिने कलाई पर राखी बांधें, क्योंकि इस हाथ में राखी बांधना शुभ होता है। फिर उसे मिठाई खिलाएं। अब सुख-समृद्धि की कामना करते हुए भाई की आरती उतारें। इस दौरान भाई को बहनों के चरण स्पर्श करने चाहिए। ऐसा करना बेहद शुभ होता है।