- फाईज़ अली सैफी || ई-रेडियो इंडिया
गाजियाबाद के मुरादनगर में रविवार दोपहर श्मशान घाट के प्रवेश द्वार के साथ बने गलियारे की छत गिरने से मलबे में दबकर 24 लोगों की मौत हो गई और 15 घायल हो गए। एसएसपी ने सख्ती दिखाते हुये इस प्रकरण में ठेकेदार अजय पर पच्चीस हजार रूपये का ईनाम घोषित किया है। इस मामले में पुलिस ने ईओ निहारिका सिंह, जेई सीपी सिंह और सुपरवाइजर आशीष को गिरफ्तार किया हैं।
इस कदम के बाद यह कयास लगाये जा रहे हैं कि अब ठेकेदार अजय त्यागी का बचना मुश्किल हो गया है और पुलिस लगातर दबिश देने की भी बात कह रही है।
मुरादनगर में मृतकों के परिजनों के प्रदर्शन के चलते मेरठ तिराहे से मुरादनगर तक भीषण जाम लग गया है। यह जाम मेरठ की सीमा में भी पहुंच गया था। प्रकरण में परिजनाों ने शव सड़कों पर रखकर जाम लगा दिया था। जाम लगाने के दौरान तकरीबन 7 डेडबॉडी सड़कों पर रखी गई थी
परिजनों ने रखीं थीं ये मांगे-
मृतकों के परिजनों को 10 लाख रुपये का मुआवजा, सरकारी मकान, नौकरी व जरूरत पड़ने पर अतिरिक्त आर्थिक मदद के अश्वासन के बाद परिजनों ने जाम खोल दिया और आवाजाही शुरू हाे गयी।
आपको बता दें कि मुरादनगर के उखलारसी गांव की संगम विहार कॉलोनी निवासी जयराम (70) का रविवार को निधन हो गया था। सुबह करीब 10:30 बजे उनकी अंतिम यात्रा घर से शुरू हुई और करीब पौने 11 बजे मुरादनगर के बंबा रोड श्मशान घाट पहुंची। अंतिम संस्कार में मोहल्ले और आसपास के इलाकों के करीब 50 लोग शामिल थे।
श्मशान में 55 लाख की लागत से गलियारे का निर्माण हुआ था और करीब पंद्रह दिन पहले ही इसे जनता के लिए खोला गया था।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हादसे के कारणों की जांच के आदेश देते हुए रिपोर्ट तलब की है। प्रदेश सरकार ने मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये की आर्थिक मदद देने और घायलों के उचित इलाज कराने की घोषणा की थी।
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