दूर दूर नगरी से आए मिलने भक्त महानआज मिलेंगे भगवन हमको और होगा संज्ञान सजे धजे कमरे में देखें कैद बैठे भगवानपंडित मांगे दर्शन को मनमर्जी के दाम सुनते सबकी हाजरी हल निकाले भगवानदर्शन आरती चाहो तो चरण छुओ जजमान बिना भक्त के पूजा कैसी किसके पूज्य भगवानशर्म करो जी शर्म करो तुम पंडित भगवान […]
आरती शर्मा ( आरू ) मानिकपुर उत्तर प्रदेश कविता: मनहरण घनाक्षरी छंद प्रथम नमन मेरा ,जन्म दायिनी माँ को हैद्वितीय नमन मेरा, ईश सम तात कोतृतीय नमन करूँ ,गौरीसुत गणेश कोचतुर्थ नमन मेरा, सरस्वती मात कोपंचम नमन मेरा, जग पालनहार कोषष्ठम् नमन करूँ , ज्ञान बरसात कोसप्तम नम करूँ, जवान किसान को तोअष्टम नमन करू, […]