- सती माई के चौरा का साढ़े तीन सौ वर्ष पुराना इतिहास
- ग्रामीणों के सहयोग से हो रहा जीर्णोद्धार
- क्षेत्र में आस्था का प्रतीक बन चुका है यह स्थान
सुइथाकला/शाहगंज (जौनपुर)। जनपद जौनपुर के पश्चिमी छोर पर स्थित ग्राम पंचायत समोधपुर के चौहान के पूरा में सती माई का चौरा आस्था और विश्वास का प्राचीन केंद्र है, जिसका इतिहास लगभग साढ़े तीन सौ वर्ष पुराना बताया जाता है। मान्यता है कि सती माई के दरबार में आने वाले श्रद्धालुओं की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और माता की कृपा सदैव जनमानस पर बनी रहती है।
स्थानीय लोगों के अनुसार सती माई को अत्यंत शक्तिशाली स्वरूप में पूजा जाता है। यहां श्रद्धालु कराही, दिया-बाती, अगरबत्ती और चुनरी अर्पित करते हैं। दूर-दराज से आने वाले भक्त सती माई के दर्शन कर अपनी मन्नतें मांगते हैं और विश्वास के साथ लौटते हैं कि माता उनकी कामनाएं पूर्ण करेंगी।
वर्तमान में सती माई के चौरा का जीर्णोद्धार कार्य प्रगति पर है। मंदिर परिसर में बाउंड्री वॉल का निर्माण कराया जा रहा है, जिसके ऊपर रेलिंग लगाई जाएगी तथा प्रवेश के लिए दरवाजे भी लगाए जाएंगे। यह संपूर्ण कार्य ग्रामवासियों और क्षेत्रवासियों के सहयोग व आर्थिक योगदान से किया जा रहा है।
ग्रामीणों का कहना है कि सती माई का यह प्राचीन स्थल न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि गांव की सांस्कृतिक पहचान भी है। जीर्णोद्धार पूरा होने के बाद श्रद्धालुओं को दर्शन और पूजा में और अधिक सुविधा मिलेगी।