नेपीता। म्यांमार में सेना ने चुनी हुई सरकार का तख्तापलट करके एक साल के लिए देश का नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया है। सेना के स्वामित्व वाले मयावाडी टीवी ने सोमवार सुबह इसकी घोषणा की। खबरों में कहा गया कि स्टेट काउंसलर आंग सान सू ची को नजरबंजद कर लिया गया है और राजधानी में संचार के सभी माध्यम काट दिए गए हैं। नेपीता में फोन व इंटरनेट सेवा बंद है और सू ची की नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी पार्टी के किसी नेता से लोगों का संपर्क नहीं हो पा रहा है।
भारत सहित अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और दूसरे देशों ने म्यांमार की हालत पर चिंता जताई है और म्यांमार की सेना से कानून के शासन का सम्मान करने का अनुरोध किया है। अमेरिका में व्हाइट हाउस की प्रवक्ता जेन साकी ने एक बयान में कहा- म्यांमार में लोकतांत्रिक तरीके से सत्ता के हस्तांतरण को नजरअंदाज कर सेना के तख्तापलट की खबर से अमेरिका चिंतित है। यहां तक कि स्टेट काउंसर आंग सान सू ची व अन्य अधिकारियों को भी गिरफ्तार कर लिया गया है।
बयान में कहा गया है- अमेरिका हालिया चुनाव के नतीजों को पलटने के प्रयास या लोकतांत्रिक तरीके से म्यांमार में सत्ता के हस्तांतरण को रोकने के कदम का विरोध करता है। अगर इन कदमों को पलटा नहीं गया तो अमेरिका इसके लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई करेगा। भारत ने म्यांमार में सैन्य तख्तापलट और शीर्ष नेताओं को हिरासत में लिए जाने को लेकर सोमवार को गहरी चिंता जताते हुए कहा कि उसने उस देश में सत्ता के लोकतांत्रिक तरीके से हस्तांतरण का हमेशा समर्थन किया है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत म्यांमार में हालात पर निकटता से नजर रख रहा है।