ग्रामीण समाज विकास केंद्र ने 10 टीबी संक्रमित बच्चों को लिया गोद
मेरठ। किसी भी देश में सामाजिक न्याय और समानता लाने में एनजीओ की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। लिंग भेद और असमानता की खाई को कम करने के लिए लोगों को जागरुक करने और समाज में उपेक्षित महिलाओं में आत्मविश्वास जगाने से लेकर सामाजिक विकास तक में इसकी अहम भूमिका होती है। उक्त बाते संस्था के सचिव मेहरचंद ने कही। इसी क्रम को आगे बढ़ाते हुए सामाजिक संस्था “ग्रामीण समाज विकास केंद्” ने अब टीबी से संक्रमित मरीजों की ओर रुख किया है और 2025 तक मेरठ को टीबी मुक्त करने का बीड़ा उठाया और टीबी के 20 संक्रमित बच्चों को गोद लिया ताकि उन्हें समय पर पोषण और इलाज मिलता रहे। इसके साथ-साथ रजपुरा सीएचसी पर प्रंट लाइन वर्करों में जागरुकता बढ़ाने हेतू एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें चिकित्सा प्रभारी डॉ. प्रीत गिल, डीपीपीएम शबाना, सीनियर ट्रीटमेट सुरवाइजर विशाल राणा, डॉ. पूजा शर्मा और संस्था के समस्त कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
संस्था के सचिव ने बताया कि रजपुरा सीएचसी पर इस वर्ष की टी.बी. दिवस की थीम Invest to End T.B. Save Lives के तहत कार्यक्रम का आयोजन किया जिसमें संस्था द्वारा किए गए कार्यों के बारे में अवगत कराया और सीएचसी पर चिकित्सा प्रभारी डॉ. प्रीत गिल, डीपीपीएम शबाना, सीनियर ट्रीटमेट सुरवाइजर विशाल राणा, डॉ. पूजा शर्मा और संस्था के समस्त कार्यकर्ताओं ने 2025 तक टीबी को जड़ से खत्म करने का आह्वान किया।
उन्होंने बताया कि संस्था के द्वारा रजपुरा ब्लॉक के 20 गाँवों में डूर टू डूर सर्वेक्षण किया गया जिसमें इलाज करा रहे 150 तथा नये मरीज 26 मिले है। 16 मरीजों में टी.बी. के लक्षण मिले है। उनको जाँच के लिए भेजा गया। 15 गाँवों में लोगों के साथ बैठक की जिसमे गाँव के ग्राम प्रधान भी उपस्थित रहे। कोविड़-19 टीकाकरण में स्कूल के विद्यार्थियों को टीकाकरण टीम द्वारा टीका लगवाया गया। जिनकी संख्या 400 है ये रजपुरा ब्लॉक के 12 गाँवों में कराया गया। रिर्सोस ग्रुपों का गठन किया गया ये 22 गांवों में किया गया है। 30 रिर्सोस ग्रुप बनाये गये है। अभी तक रजपुरा ब्लॉक के सभी गांवों में रिर्सोस ग्रप बनाने का प्लान है। संस्था ने मेरठ जनपद के 10 टी.बी. मरीजों को पोषण हेतु गोद लिया है। इनको संस्था जब तक पोषण आहार देती रहेगी जब तक ये टी.बी मुक्त न हो जाये।