श्री राम जन्मोत्सव पर आयोजित भजन संध्या
राजराजेश्वरी के मधुर भजनों से सजी संध्या में उमड़ी भक्तों की भीड़
श्री राम जन्मोत्सव पर विश्व हिंदू परिषद द्वारा आयोजित हुआ कार्यक्रम
अयोध्या। Ram mandir Bhajan sandhya मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम के जन्मोत्सव पर विश्व हिंदू परिषद अयोध्या महानगर द्वारा आयोजित, राष्ट्रीय रामकथा वाचिका देवी राजराजेश्वरी के मधुर भजनों से सजी संध्या में उमड़ी भक्तों की भीड़ को संबोधित करते हुए केंद्रीय महामंत्री मिलिंद परांडे ने कहा कि वर्ष प्रतिपदा से प्रारंभ होकर श्री हनुमान जयंती पूर्णिमा तक चलने वाले श्री राम जन्मोत्सव के कार्यक्रम संपूर्ण देश में आयोजित हो रहे हैं। हजारों हजार जगहों पर बड़ी-बड़ी शोभायात्रायें निकाली गईं एवं विभिन्न धार्मिक आयोजन हुए।
सिलीगुड़ी में निकली शोभायात्रा का उल्लेख करते हुए केंद्रीय महामंत्री ने बताया कि सिलीगुड़ी में डेढ़ लाख से ज्यादा लोग शोभायात्रा में शामिल थे। ऐसे समय में श्री अयोध्या धाम में जहां श्री राम जी का जन्म स्थान है और श्री राम जन्मभूमि पर मंदिर का निर्माण प्रारंभ हो चुका है ऐसी पावन प्रथम मोक्षपुरी अयोध्या में श्री राम जन्मोत्सव का यह भव्य कार्यक्रम बड़े ही विशेष महत्व का है। मिलिंद ने अपने संबोधन में प्रश्न किया कि हमारी भक्ति का हमारे जीवन से कितना संबंध है।
भगवान भोलेनाथ के करोड़ों भक्त हैं लेकिन काशी विश्वनाथ मंदिर की क्या स्थिति है। भगवान श्री कृष्ण के करोड़ों भक्त हैं परंतु श्री कृष्ण जन्म स्थान की क्या स्थिति है। हम भक्तों को इस पर भी विचार करना चाहिए। केंद्रीय महामंत्री ने बताया कि नागालैंड और मिजोरम में 90 प्रतिशत से ज्यादा समाज इसाई हो चुका है। धर्म की रक्षा के लिए हमारे द्वारा क्या कुछ हो रहा है। क्या धर्म की रक्षा एवं धर्म का पालन करने के लिए हम केवल अवतारों की ही प्रतीक्षा करेंगे। भगवान राम ने जीवन भर दूसरों के हित के लिए कार्य किया अपना सुख कभी नहीं सोचा। कीर्ति चाहने वाले को सुख की कामना नहीं करनी चाहिए और सुख चाहने वाले को कीर्ति नहीं मिलती।
श्री राम जन्मोत्सव के पावन पर्व पर भगवान हम सभी को अपने कर्तव्यों का पालन करने की प्रेरणा दें इसी कामना के साथ उन्होंने अपना उद्बोधन समाप्त किया। इसके पूर्व भजन संध्या का शुभारंभ मिलिंद परांडे, अवध प्रांत के प्रांत संगठन मंत्री राजेश , विभाग अध्यक्ष विजय कुमार सिंह बंटी एवं विभाग मंत्री धीरेश्वर वर्मा ने मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम के चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलन से किया। कार्यक्रम में पधारे गणमान्य अतिथियों एवं भक्तों का स्वागत संगठन मंत्री रत्नेश सिंह एवं कार्यक्रम का संचालन महानगर अध्यक्ष कौशिक प्रमाणिक दादा ने किया।
कार्यक्रम में भक्तों का भाव उस समय हिलोरे मारने लगा जब भारत माता की जय, राजा रामचंद्र की जय, रामलला सरकार की जय और सरयू मैया की जय बोलते हुए राष्ट्रीय राम कथा वाचिका देवी राजराजेश्वरी ने अपनी मधुर वाणी में अपना संबोधन शुरू किया। भारत को बर्बाद किया भारत के गद्दारों ने कविता से अपनी बात शुरू करके जब उन्होंने मंदिर अब बनने लगा है, भगवा रंग चढ़ने लगा है। मंदिर जब बन जाएगा, सोच नजारा क्या होगा।। देश हमारा हमारा देश हमारा भजन गाया तो कार्यक्रम में उपस्थित महिलाएं मंच के सामने आकर नृत्य करने लगीं। मैं तो रानी कौशल्या के घर जाऊंगी। अजी वाह बधाई लेकर जाऊंगी ।। नामक बधाई भजन ने भक्तों की तालियां तो बटोरी ही परंतु जब उन्होंने अवध भूमि के आंगन में बज रही आज बधाई। नगाड़ा जोर से बजा दे मैं तो नृत्य करन को आई।। नामक बधाई गाई तो वहां उपस्थित साधु महात्मा भी प्रभु राम के प्रेम में भाव विभोर होकर नृत्य करने लगे।
अयोध्या के नर नारी सब कैसे आनंद मना रहे थे का वर्णन करते हुए जब उन्होंने छाप तिलक सब छीनी रे मोसे नैना मिलाइके भजन गाया तो तो नया घाट स्थित राम की पैड़ी जय श्री राम के नारों से गूंज उठी। त्रिभुवन विदित अवध जेकर नवा। बड़ा निक लागे राघव जी के गवां।। तथा सागर पार से सीता का समाचार लाने वाले। तुम हनुमान जी तो राम जी के काम आने वाले।। मैंने बोला है प्रसाद तेरे नाम से। मेरा मिलन करा दे मेरे राम से।।आदि भजनों ने पूरे वातावरण को राममय कर दिया।
प्रचार प्रसार प्रमुख डॉ. शैलेंद्र विक्रम सिंह ने बताया कि भजन संध्या में विहिप के संरक्षक एवं हनुमानगढ़ी रिकाबगंज के महांत रामजी मिश्रा, अयोध्या के युवा संत पूज्य अखिलेश दास , जबलपुर के डीआईजी स्टांप प्रभाकर चतुर्वेदी, सी ओ अयोध्या आर के चतुर्वेदी, मंत्री अखिलेश वर्मा एवं सहमंत्री विवेक शुक्ला, बजरंग दल के संयोजक लाल योगेश प्रताप सिंह एवं सहसंयोजक राहुल सिंह, बजरंग दल के नगर संयोजक रितेश चैधरी, विशेष संपर्क अधिकारी डॉ प्रमोद कुमार वर्मा, अभिषेक सिंह राठौर, मातृशक्ति प्रमुख सुनीता श्रीवास्तव, पिंकी मौर्या एवं आरती मौर्या, शिव कुमार मौर्य, अरुण मिश्रा एवं राजवीर कसौधन आदि उपस्थित थे।