मेरठ। उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में पकड़े गए एक साइको किलर असद ने पुलिस पूछताछ में चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। दो मासूम बच्चों की निर्मम हत्या के आरोपी असद ने स्वीकार किया है कि वह नशे की हालत में समलैंगिक प्रवृत्ति से ग्रस्त होकर बच्चों को शिकार बनाता था। पुलिस का मानना है कि यदि समय रहते उसे नहीं पकड़ा जाता, तो मेरठ में भी निठारी जैसा हृदयविदारक कांड हो सकता था।
शारीरिक लालसा ने बनाई मासूमों को शिकार
पुलिस पूछताछ में असद ने बताया कि उसे लड़कों की ओर शारीरिक रूप से आकर्षण महसूस होने लगा था। वह अक्सर गली में बच्चों को देखता और उन्हें अपने घर बुलाने के प्रयास करता। आरोप है कि जब बच्चे उसकी बात नहीं मानते थे, तो वह हिंसक हो उठता था। इसी विकृत मानसिकता के चलते उसने दो मासूमों—रिहान और उवैश—को मौत के घाट उतार दिया।
पुरानी रंजिश भी बनी कारण
असद ने स्वीकार किया कि जिन दो बच्चों को उसने अपना शिकार बनाया, उनके परिवार से उसका पारिवारिक विवाद भी था। इसी दुश्मनी और विकृत मानसिकता के मेल ने उसे इतना अमानवीय बना दिया कि उसने अप्रैल में पहले रिहान की हत्या कर दी और फिर 9 जुलाई को उवैश को भी मार डाला।
कुकर्म में असफल होने पर करता था हत्या
पुलिस के अनुसार, असद बच्चों को अपने घर बुलाता था और जब वे उसकी बात नहीं मानते थे, तो वह क्रोधित होकर उनकी हत्या कर देता था। दोनों बच्चों की लाशें उसने अपने घर के पीछे स्थित जंगल में छिपा दी थीं। उसका घर गली के अंतिम छोर पर है, जहां से जंगल शुरू होता है।
सामाजिक रूप से खतरनाक व्यक्तित्व
असद 8वीं फेल है और उसकी पृष्ठभूमि में कोई ठोस पेशा या शिक्षा नहीं है। पुलिस जांच में सामने आया कि असद के परिवार में चार भाई और तीन बहनें हैं, जिनमें से एक बहन की पहले ही मृत्यु हो चुकी है। पुलिस का मानना है कि नशे की लत, मानसिक असंतुलन और यौन कुंठा के कारण वह समाज के लिए अत्यंत खतरनाक बन गया था।
सख्त कार्रवाई की मांग
स्थानीय समाजसेवियों और बाल अधिकार संगठनों ने इस मामले को लेकर गहरा आक्रोश जताया है। उन्होंने मांग की है कि इस प्रकार के अपराधियों के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट के माध्यम से कठोरतम सजा सुनिश्चित की जाए ताकि समाज में भय और चेतावनी का संदेश जाए।