- अर्चना सिंह, मुरादाबाद
एक टूटे हुए पुल पर एक आदमी चला जा रहा था, डरे हुए, सहमे हुए। कहीं पुल टूट ना जाए, घबराते हुए ईश्वर को याद कर रहा था। उसकी ईश्वर में आस्था बहुत प्रबल थी।
उसने पुल की तरफ गौर से देखा तो ईश्वर खड़े हुए दिखाई पड़े लेकिन उसके लाख पुकारने पर भी उसकी मदद के लिए आगे नहीं आए। वह नाराज हो गया, बड़ी मुश्किल से जैसे-तैसे कर पुल पार किया और दूसरी तरफ जा पहुंचा। दूसरी और पहुंचकर उसने देखा कि ईश्वर उसके टूटे हुए पुल को पकड़े हुए थे।
इसका अर्थ है कि हमें ईश्वर पर अपनी आस्था अडिग रखनी चाहिए। कभी भी ईश्वर पर अपना भरोसा नहीं खोना चाहिए। जिंदगी का यह पुल मुश्किलों से भरा है, परंतु साथ ही साथ दूसरी ओर ईश्वर इसे संभाले भी हुए हैं। अपनी आस्था उस ईश्वर में प्रबल करके चलते रहिए, ईश्वर आपके साथ हर पल हर क्षण है।
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