अगर शरीर में पर्याप्त मात्रा में विटामिन- ए मौजूद हो तो यह फेफड़ों को कई तरह की समस्याओं से बचाए रखने में मदद कर सकता है। इसके अतिरिक्त, यह अग्नाश्य और आंतों को स्वस्थ रखने में भी सहायक है। आमतौर पर लोग विटामिन- ए की कमी को दूर करने के लिए सप्लीमेंट्स का सहारा लेते हैं, लेकिन आप चाहें तो कुछ फलों के सेवन से भी इसकी कमी दूर कर सकते हैं। आइए ऐसे ही कुछ फलों के बारे में जानते हैं।
चकोतरा
चकोतरा संतरे की तरह दिखने वाला फल है, जिसका अंदरूनी भाग गुलाबी रंग का होता है। यह फल विटामिन- सी और फोलेट के साथ-साथ विटामिन- ए का अच्छा स्त्रोत है, जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूती देने से लेकर आंतों को स्वस्थ रखने में मदद कर सकते हैं। इसलिए चकोतरा को डाइट में शामिल करना फायदेमंद साबित हो सकता है। बता दें कि एक मध्यम आकार का चकोतरा खाने से लगभग 143 एमसीजी विटामिन- ए मिल सकता है।
गोजी बेरीज
गोजी बेरीज विटामिन- ए का बेहतरीन स्त्रोत है, इसलिए इसका सेवन फेफड़ों और आंतों में रोग पैदा करने वाले बैक्टीरिया से लडऩे में मदद कर सकता है। इसके अलावा, गोजी बेरीज में ओमेगा-3 और ओमेगा-6 फैटी एसिड भी अच्छी मात्रा में मौजूद होते हैं, जो मस्तिष्क, हृदय और रक्त वाहिकाओं के लिए अच्छे होते हैं। बता दें कि आधी कटोरी गोजी बेरीज में लगभग 26,822 आईयू विटामिन- ए होता है, इसलिए इसे भी डाइट में जरूर शामिल करें।
पपीता
स्वाद में मीठा और रसीला पपीता एक बारहमासी फल है यानी आपको हर मौसम में यह आसानी से बाजार में मिल सकता है और इस फल में भरपूर मात्रा में विटामिन- ए पाया जाता है। बता दें कि 100 ग्राम पपीता में करीब 1000 ढ्ढ विटामिन- ए पाया जाता है। ऐसे में विटामिन- ए की पूर्ति के लिए इस स्वास्थ्यवर्धक फल को एक अच्छे विकल्प के तौर पर डाइट में शामिल किया जा सकता है।
आड़ू
शरीर से विटामिन- ए की कमी को दूर करने में आड़ू का सेवन भी मदद कर सकता है क्योंकि यह भी विटामिन- ए से समृद्ध होता है। इसके अतिरिक्त, आड़ू में फाइबर के साथ कई तरह के एंटी-ऑक्सीडेंट भी मौजूद होते हैं, जो शरीर में गैस्ट्रिक एंजाइम के उत्पादन को सुविधाजनक बनाकर पाचन क्रिया को बेहतर बनाने का काम करते हैं। इसके साथ ही आड़ू में शामिल एंटी-माइक्रोबियल गुण पाचन संबंधित समस्याओं से भी निजात दिलाने में सहायक साबित हो सकते हैं।
आजकल मार्केट कई तरह के विटामिन- ए सप्लीमेंट्स मौजूद हैं, लेकिन भूल से भी डॉक्टरी सलाह के बिना उनका सेवन न करें क्योंकि गलत एमजी के विटामिन- ए सप्लीमेंट्स स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाने का कारण बन सकते हैं।