- बसपा प्रमुख मायावती ने बनाई ठोस रणनीति
- 2024 के चुनाव में विपक्ष को चटाएंगी धूल
- जानें मायावती का मिशन पासिबल फार्मूला
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने ऐसी चाल चली है जिसके चलते विपक्ष का सारा खेल खत्म हो सकता है। पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने 2024 के चुनाव को लेकर कई ऐसे पत्ते खोले हैं जिसे सुनने के बाद विपक्ष के बड़े-बड़े नेताओं के होश उड़ गए हैं। उधर समाजवादी पार्टी से बगावत करने वाले ओमप्रकाश राजभर ने भी हुंकार भरनी शुरू कर दी है। कुल मिलाकर देखा जाए तो इस बार विपक्ष के लिए सत्ता की डगर बहुत मुश्किलों भरी रहेगी।
बसपा प्रमुख मायावती ने 2024 लोकसभा चुनाव अकेले लड़ने का फैसला किया है जिसको लेकर सियासी दलों में हलचल लेती हो गई है। ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि मायावती के अकेले चुनाव लड़ने से एनडीए को फायदा होगा और विपक्ष कमजोर होगा. मायावती को छोड़कर विपक्ष ने जो भी गलती की है उसकी सजा भी उन्हें ही मिलेगी. इसका पूरा फायदा एनडीए को मिलेगा।
ओमप्रकाश राजभर ने मायावती के खेले चुनाव लड़ने पर प्रतिक्रिया जाहिर करने के बाद विपक्ष के INDIA को ईस्ट इंडिया कंपनी बताते हुए कहा की विपक्ष की एकता खुद को बचाए रखने की कवायद भर है. विपक्ष के इंडिया वाले नाम पर तंज कसते हुए कहा कि इसका असली नाम ईस्ट इंडिया कंपनी है.
ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि पटना में बैठक हुई तो पहले पीडीए नाम रखा और जब बेंगलुरु में बैठक हुई तो नाम ईस्ट इंडिया कंपनी रखा. जो पार्टी देश में सत्ता में रही हो और आज भी देश के कई प्रदेशों में उसकी सरकार हो. उस पार्टी का बयान आया कि हमारी तरफ से प्रधानमंत्री का कोई चेहरा नहीं होगा. उन्हें लगा होगा कि अंगूर खट्टे हैं यानी विपक्ष के इस मोर्चे में प्रधानमंत्री की कुर्सी तो मिलेगी नहीं. ऐसे में वो लोग लोग मान चुके हैं विपक्ष किसी तरह जिंदा रहे. वो बस इसी बात के लिए लड़ रहे हैं. विपक्षी एकजुटता में कोई दम नहीं है. विपक्ष अपनी जमानत बचाने में लगा है. क्योंकि यहां नीतीश, ममता और केसीआर आकर वोट नहीं दिला सकते. खेल खत्म हो गया है.’
उधर भाजपा से हटने के बाद सपा में पहुंचे स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान दिए जाने पर सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य का लक्ष्य समाजवादी पार्टी को खत्म करना है. पूरा देश आस्था से जुड़ा हुआ है. वहीं उनके बयान आस्था के खिलाफ जा रहे हैं इसलिए समाजवादी पार्टी तिलमिला उठी है. सपा का हाल सांप छछूंदर का हो गया है. सपा को यह समझ में नहीं आ रहा है कि स्वामी प्रसाद मौर्य को रखें या निकाले.
स्वामी प्रसाद मौर्य सपा को गर्त की तरफ लेकर जा रहे हैं. जब तक वो गर्त में लेकर नही जाएंगे तब तक सपा नेता की आंख नहीं खुलेगी. स्वामी प्रसाद के इस तरीके के बयान पार्टी और नेता के लिए खतरा है. वही कहा कि चौपाई मामले में भी सपा में दो गोल हो गए थे. आधे लोग जब स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ जंग खोल दिये तो अखिलेश यादव को आकर मोर्चा संभालना पड़ा था.
कुल मिलाकर देखा जाए तो इस बार 2024 के चुनाव के मद्देनजर बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती का अकेले चुनाव लड़ने का फैसला और स्वामी प्रसाद मौर्य का लगातार बयानबाजी करना विपक्षी नेताओं के केंद्र में है… देखना यह होगा कि क्या 2024 में बहुजन समाज पार्टी अपने जनाधार को अकेले चुनाव लड़कर वापस कर पाएगी…. ब्यूरो रिपोर्ट लखनऊ
National President of Subhaspa, Omprakash Rajbhar, reacting strongly to the statement made by Swami Prasad Maurya regarding the temples regarding the 2024 Lok Sabha elections, said that when Maurya is in power, he does not remember the temple-mosque, but as soon as he comes to the opposition They keep giving such statements because of their frustration and disappointment.
Maurya taking SP to the bottom: Rajbhar
On Swami Prasad Maurya’s statement, Subhaspa’s national president Omprakash Rajbhar said that Swami Prasad Maurya’s aim is to destroy the Samajwadi Party. The whole country is connected with faith. At the same time, his statements are going against the faith, so the Samajwadi Party is upset. The condition of SP has become like that of a snake. The SP is not able to understand whether to keep or remove Swami Prasad Maurya.
Swami Prasad Maurya is taking SP towards the trough. The SP leader’s eyes will not open until he takes them into the pit. Swami Prasad’s statements like this are a danger to the party and the leader. He said that even in the Chaupai case, two goals were scored in the SP. When half the people opened war against Swami Prasad Maurya, Akhilesh Yadav had to come and take charge.
Opposition will be shocked by this bet of Mayawati!
On BSP chief Mayawati’s decision to contest the 2024 Lok Sabha elections alone, Omprakash Rajbhar said, ‘Mayawati contesting alone will benefit the NDA and weaken the opposition. Except Mayawati, whatever mistake the opposition has done, they will also be punished for it. NDA will get its full benefit.
On the other hand, calling the INDIA of the opposition as East India Company, said that the unity of the opposition is just an exercise to save itself. Taking a jibe at the opposition’s name of India, he said that its real name is East India Company.
‘Opposition’s game over’
Om Prakash Rajbhar further said, ‘When the meeting was held in Patna, it was first named PDA and when the meeting was held in Bengaluru, it was named East India Company. The party which has been in power in the country and even today its government is in many states of the country. The statement of that party came that there will be no face of the Prime Minister from our side. They must have felt that the grapes are sour, that means they will not get the prime minister’s chair in this opposition front. In such a situation, those people have agreed that the opposition should somehow remain alive. This is what they are fighting for. There is no merit in opposition unity. The opposition is trying to save its bail. Because Nitish, Mamta and KCR cannot come here and get votes. The game is over.’