भ्रष्ट अफसरों पर योगी की नजर टेढी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश के अधिकारियों को चेतावनी दी है कि यदि जनता को परेशानी इसी तरह होती रही तो उनकी खैर नहीं। सच तो यह है कि द्वितीय श्रेणी और उससे नीचे के जो अधिकारी समाजवादी पार्टी के शासन काल में शासन की विशेष कृपा से नियुक्त हुए हैं, वे योगी सरकार को बदनाम करने के उद्देश्य से लूटखसोट मचाए हुए हैं। इनमें सबसे ज्यादा हालत खराब है तहसील से संबंधित अधिकारियों की। तहसीलदार से लेकर लेखपाल तक इस गोरखधंधे में शामिल हैं।

किसी की जमीन किसी दूसरे के नाम करके एक लेखपाल चला जाता है फिर उसे सुधारने के लिए दूसरा लेखपाल भी लूट खसोट मचाता है।

दिलचस्प बात तो यह है कि समाजवादी पार्टी के कार्यंकाल में खाली प्लाट पर कब्जा करने की जो प्रवृत्ति अवैध तरीके से बलपूर्वक होती थी, उस प्रक्रिया के स्थान पर समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता लेखपाल, कानूनगो और तहसीलदार के माध्यम से दूसरे की जमीन पर कब्जा करने की गतिविधि जारी रखे हुए हैं। उत्तर प्रदेश में अधिकारियों के इस गोलमाल से आम जनता में काफी आक्रोश है। दिलचस्प बात तो यह है कि यदि स्थानीय भारतीय जनता पार्टी के नेता इस तरह गोरखधंधे में शामिल अधिकारियों को रोकना चाहते हैं तो उनके खिलाफ ही मुकदमा दर्ज हो जाता है। यही नहीं स्थानीय भाजपा विधायक और सांसद भी भाजपा के नेताओं और कार्यंकर्ताओं को ज्ञान देते रहते हैं कि अधिकारियों पर किसी तरह का दबाव डालने से राज्य की योगी सरकार बदनाम होगी। कहने का सार यह है कि राज्य में सरकार तो है भाजपा की लेकिन चांदी काट रहे हैं सपाई कार्यकर्ता और सपा समर्थक अधिकारी। इस स्थिति के खिलाफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चेतावनी दी है ।