किसानों का मखौल उड़ा रहे बैंक, एक्सिस बैंक में लोन का 10 फीसद घूस न दिया तो लोन कैंसल

author
0 minutes, 6 seconds Read
Thumbnail %2Bcopy

बेलगाम बैंक अधिकारियों पर लोन की कुल रकम का 10 फीसद घूस मांगने का आरोप

सुलतानपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों के लिये सम्मान निधि से लेकर अन्य दर्जनों योजनाओं के तहत कर्ज लेने में कई सुविधायें प्रदान की हैं लेकिन बैंक के अधिकारी इसका खुलेआम मखौल उड़ा रहे हैं। लोन की कुल रकम का दस प्रतिशत घूस लेने का आरोप लगाते हुये सुल्तानपुर के कादीपुर तहसील क्षेत्र के एक किसान ने प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री को शिकायती पत्र लिखा है।

Untitled 1%2Bcopy
आरबीआई में की गई शिकायत की स्क्रीनशॉट, जिसमें आरबीआई ने अधिकारियों को फटकार भी लगाई थी। 

एक करोड़ से अधिक सम्पत्ति बनाई बंधक, फिर मांगा घूस

किसान ने सुलतानपुर की एक्सिस बैंक में केसीसी के तहत लोन के लिये अप्लाई किया था, जैसे तैसे कागज आगे बढ़ा, बैंक ने कुल छ: एकड़ जमीन को बंधक स्वरूप लेने के बाद पंद्रह लाख का लोन पारित किया, बंधक जमीन की कीमत लगभग एक करोड़ दस लाख है। इसके बाद किसान के मोबाइल पर मैसेज भी आ गया। किसान का आरोप है कि बैंक में लोन की रकम खाते में ट्रांसफर करने की बात आते ही मैनेजर व रिजनेल मैनेजर कुल रकम का दस फीसद घूस की मांग कर बैठे।

अगर किसान के पास इतना ही पैसा होता कि वह घूस देने में सक्षम होता तो लोन क्यों लेता। आपको बता दें कि किसान मानसिक रूप से परेशान है और कई बार अधिकारियों के चक्कर लगा चुका है लेकिन रिजनल मैनेजर और मैनेजर की जुगलबंदी के आगे सारी कोशिशें फेल होती जा रही हैं।

अधिकारियों की निजी सम्पत्ति की हो जांच

गौरतलब है कि एक ओर सरकार भ्रष्टाचार पर अंकुश लगा रही है तो दूसरी ओर एक्सिस बैंक के अधिकारियों द्वारा की जा रही ये धांधली सरकार की साख को जड़ से खत्म कर रही है। ऐसे में इन बैंक अधिकारियों की निजी सम्पत्ति की जांच करवाई जाये तो इस बात का खुलासा हो जायेगा कि इन्होंने कितने की सम्पत्ति भ्रष्टाचार के जरिये एकत्र की हुई है। 

banner FB

रिजनल मैनेजर बोला, भेजूंगा नोटिश

ई-रेडियो इंडिया के एडिटर व वैन इंटरनेशनल न्यूज एजेंसी के करेस्पांडेंट ने जब रिजनल मैनेजर को फोन लगाया तो पहले वो मामले को संज्ञान में लेने की बात कहा, मगर किस कारण लोन नहीं दिया इसके जवाब में वो बार-बार लोन मैनेजर से ही बात करने की बात कहता रहा और फोन काट दिया और हद तो तब हो गई जब वह कुछ ही देर में खुद को रिजनल मैनेजर होने से इंकार ही कर दिया। कुछ देर बाद उसने दुबारा कॉल किया और बोलो मैंने वकालत कर के ही जॉब की है मैं आपको नोटिश भेजूंगा खबर छापने पर।

किस कारण लोन नहीं दिया गया, किसी ने नहीं बताया

गौरतलब है कि अधिकारियों के पास किसान को लोन न देने का कोई स्पष्ट कारण नहीं था, अधिकारी कई बार गहन पूछताछ करने के बाद भी कुछ नहीं बता सके और बात एक दूसरे पर टालते रहे। उधर परेशान किसान न्यायालय का दरवाजा खटखटाने का भी मन बना चुका है।

Send Your News to +919458002343 email to eradioindia@gmail.com for news publication to eradioindia.com
author

editor

पत्रकारिता में बेदाग 11 वर्षों का सफर करने वाले युवा पत्रकार त्रिनाथ मिश्र ई-रेडियो इंडिया के एडिटर हैं। उन्होंने समाज व शासन-प्रशासन के बीच मधुर संबंध स्थापित करने व मजबूती के साथ आवाज बुलंद करने के लिये ई-रेडियो इंडिया का गठन किया है।

Similar Posts

error: Copyright: mail me to info@eradioindia.com