बैंक का दुष्चक्र और पुलिस के तिलिस्म को नहीं झेल सका रंजीत, आग लगाकर दे दी जान

  • ई-रेडियो संवाददाता

मेरठ। एक व्यापारी के थाने के सामने खुद को आग के हवाले कर देने का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है लोगों का कहना है कि पुलिस पैसों के आगे इतना नतमस्तक हो गई कि उसे एक आम इंसान की कीमत भी समझ में नहीं आई।

टीपीनगर थानाक्षेत्र का रहने वाला स्पोर्ट्स कारोबारी रंजीत सिंह बैंक मैनेजर और पुलिस के बुने जाल में इस तरह से उलझ गया कि उसे कोई रास्ता नजर नहीं आया शिवा खुद को आग में जला देने के।

सबसे पहले आपको बताते हैं कि पूरा मामला क्या है?

शताब्दीनगर सेक्टर-5 निवासी रंजीत सिंह ठाकुर व जय कुमार पार्टनरशिप में स्पोर्ट्स का काम करते थे। उनका खाता नवीन मंडी स्थित पंजाब नेशनल बैंक की शाखा में है। आरोप है कि आठ माह पूर्व बैंक मैनेजर ने उसके खाते की गोपनीय जानकारी लीक कर दी। जिस कारण आर्थिक नुकसान हो गया।

रंजीत सिंह ने टीपीनगर थाने में तहरीर दी थी। काफी प्रयास के बावजूद पुलिस ने केस नहीं लिखा। व्यापारी ने दिसंबर 2018 में टंकी पर चढ़कर आत्महत्या करने की धमकी दी थी, तब जाकर मुकदमा दर्ज हुआ था।

बुधवार सुबह रंजीत सिंह ठाकुर कई बार थाने पहुंचा। लेकिन इंस्पेक्टर ने मुलाकात नहीं की। आरोप है कि केस के विवेचक दरोगा नरेंद्र कुमार ने भी व्यापारी को फटकार दिया। रात करीब 9:45 पर व्यापारी फिर थाने पहुंचा। आरोप है कि इस बार भी उसे फटकारकर बेइज्जत करते हुए थाने से भगा दिया गया।

इससे क्षुब्ध होकर रंजीत सिंह ने थाने के गेट पर खड़ी अपनी बाइक से पेट्रोल निकाला और खुद पर उड़ेलकर आग लगा ली। इस दौरान उसकी बाइक में भी आग लग गई। आग लगते ही भगदड़ मच गई।

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