रोजगार मेला: 53 प्रवासियों को मिला नौकरी का ऑफर, स्थानीय हुये नजरअंदाज

rojgar mela
  • संवाददाता, ई-रेडियो इंडिया

मेरठ। जनपपद में लगे रोजगार मेले की तश्वीर कुछ और है और दिखाया कुछ और जा रहा है। कागजों की पूर्ति के लिये सरकारी अफसर अपनी रश्म-अदायगी कर रहे हैं और सीडिओ के बयान भी पूर्णतया सत्य नहीं हैं। गौरतलब है कि रोजगार मेले में स्थानीय लोगों की भरपूर अनदेखी की गई है।

164 ने किया प्रतिभाग

दो दिवसीय प्रवासी श्रमिकों को रोजगार देने की बारी आई तो एमबीए और एमसीए डिग्रीधारक भी कतार में नजर आए। गुरूवार को सदर तहसील में रोजगार मेले का आयोजन किया गया था। 164 प्रतिभागियों ने साक्षात्कार में भाग लिया। इसके बाद 53 युवकों को नौकरी ऑफर की गई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने देश के अलग-अलग भागों से गृह जनपद पहुंचे श्रमिकों को उनके क्षेत्र में रोजगार दिलाने की पहल की है। इसी क्रम में रोजगार एवं सेवायोजन कार्यालय ने लोगों और कंपनियों को आमंत्रित किया था। रोजगार चाहने वालों में अनपढ़ से 12वीं फेल तो थे ही, लगभग 30 अभ्यर्थी स्नातक, आइटीआइ, पालीटेक्निक, एमबीए और एमसीए जैसी योग्यताधारक भी थे।

योग्यता ऊंची मगर मजबूरी में कर रहे मजदूरी

उच्च शैक्षिक योग्यता वाले कुछ अभ्यर्थियों का कहना है कि वह सेल्समैन का काम कर रहे थे। लॉकडाउन में वह काम भी छिन गया। एक शिक्षक ने बताया कि फीस नहीं आने से प्रबंधक ने निकाल दिया। इस दौरान सारू स्मल्टिंग प्राइवेट लिमिटेड वीएस रबर प्राइवेट लिमिटेड जोमेटो, श्रवण हैंडीक्राफ्ट एलआइसी, मेरठ पैकेजिंग जैसी संस्थाएं रोजगार लेकर आई थीं। आइआइए के सचिव अंकित सिंघल ने बताया कि जिला रोजगार कार्यालय द्वारा उन्हें 557 प्रवासी श्रमिकों की सूची सौंपी गई थी। जिसमें से 200 को आफर दिया गया है। मेरठ डिवीजन के चेयरमैन अतुल भूषण गुप्ता, अनुराग अग्रवाल, तनुज गुप्ता आदि मौजूद रहे।
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