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वीजा खत्म हो रहा था, ऐन वक्त पर मिल गई शंकर को फ्लाइट

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मेरठ। मवाना क्षेत्र के अलग-अलग स्थानों से यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई करने गए तीन युवक मवाना आ गए। फलावदा कस्बे में सिंडिकेट बैंक के पास रहने वाले डॉ. विश्वास बंगाली के पुत्र शंकर विश्वास गुरुवार देर शाम अपने घर लौट आए। शंकर चार वर्ष से यूक्रेन के इवानो विश्वविद्यालय से एमबीबीएस कर रहे हैं।
शंकर विश्वास ने बताया कि यूक्रेन दूतावास में सुनवाई नहीं हुई तो भारतीय दूतावास ने सक्रियता दिखाई और नोटिस जारी कर रोमानिया बॉर्डर पहुंचने के निर्देश दिए। वहीं, दिल्ली एयरपोर्ट से टैक्सी द्वारा कस्बे में पहुंचे शंकर विश्वास को देख परिजनों की आंखें भर आईं। शंकर ने बताया कि यूक्रेन में उनके सभी साथी खौफ में जी रहे थे और घर वापसी की भगवान से दुआ कर रहे थे। उनके पास नगदी नहीं थी, जिस कारण भूखे रहकर समय गुजारना पड़ा।
यूक्रेन बॉर्डर से सात घंटे का बस में सफर कर वह चार दिन पहले रोमानिया पहुंचे। 27 फरवरी से रोमानिया के सेंटर में मौजूद थे। वहां के लोगों ने उनकी बहुत मदद की। भोजन भी कराया। उन्हें डर सता रहा था कि पांच दिन का वीजा गुरुवार को समाप्त हो जाएगा और अभी तक उन्हें फ्लाइट नहीं मिल रही थी, जबकि रोमानिया का बॉर्डर खुला हुआ था।
शंकर ने बताया कि भारत सरकार ने यूक्रेन में फंसे छात्र-छात्राओं को निकालने के लिए ऑपरेशन जारी रखा है। इसी दौरान मैसेज मिला कि भारत जाने वाले 36 छात्रों के लिए फ्लाइट आ गई है, बुधवार देर शाम रोमानिया से चली फ्लाइट दिल्ली में गुरुवार सुबह साढ़े नौ बजे पहुंच गई। दिल्ली पहुंचने पर जांच अधिकारियों की टीम ने करीब तीन घंटे तक उनकी जांच की तब आगे भेजा। डॉ सुरेश विश्वास व उनकी पत्नी प्रीति विश्वास अपने पुत्र की सलामती को लेकर चिंतित थे।

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Santram Pandey

पत्रकारिता के 40 बसंत पार कर चुके संतराम पांडे, पूर्णकालिक पत्रकार हैं और खाटी पत्रकारिता के जीवंत उदाहरण स्वरूप अंकुरित प्रतिभाओं को सहयोग प्रदान कर रहे हैं। वर्तमान में ई-रेडियो इंडिया के वरिष्ठ संपादक हैं।

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