- नई दिल्ली || ई-रेडियो इंडिया
अंधविश्वास क्या न करा दे। हरदोई की एक महिला ने बच्चे की चाहत में पड़ोसी के बच्चे की बलि चढ़ा दी। मामले का खुलासा तब हुआ जब पड़ोसी ने अपने बच्चों की खोजबीन शुरू की। पुलिस को सूचना मिलने के बाद महिला को गिरफ्ता किया और पूरे घटनाक्रम से पर्दा उठ गया।
राजधानी दिल्ली के बुध विहार की यह घटना जितना हृदयविदारक है उससे भी कही ज्यादा इंसान की मरती आत्मीयता को उजागर कर रही है। सबसे पहले जानते हैं कि मामला क्या है-
पुलिस को रिठाला गांव के गली नंबर-18 निवासी तीन साल के बच्चे पीयूष गुप्ता के लापता होने की सूचना मिली। पुलिस को दी गई शिकायत में बच्चे के पिता दयाराम गुप्ता ने बताया कि उनका बेटा पीयूष छत पर मौजूद था। इसके बाद वह कैसे गायब हो गया, पता नहीं चला। जबकि वह छत से नीचे भी नहीं आया था। पुलिस ने मामले की जांच के लिए बच्चे की आसपास तलाश शुरू का दी।
तलाशी अभियान के दौरान पुलिस को पड़ोस की छत पर एक बोरा पड़ा मिला। जिस तरह से दीवार के सहारे उस बोरे को रखा गया था, उसे देखकर पुलिस को कुछ शक हुआ तो बोरा को खोला गया। उसमें बच्चे पीयूष का शव मिला। उसकी गर्दन पर निशान थे। शव मिलने के बाद वहां दहशत फैल गया। पुलिस ने फिर उस मकान में रहने वाले लोगों और पड़ोसियों से पूछताछ शुरू की तो यह पता चला कि बच्चा आखिरी बार पड़ोस के मकान में पांचवीं मंजिल पर रहने वाली नीलम के साथ देखा गया था।
इसके बाद पुलिस ने नीलम से पूछताछ की तो वह पहले तो इस मामले को लेकर अंजान बनने की कोशिश की लेकिन सख्ती बरतने पर वह टूट गई और उसने हत्या करने की बात स्वीकार कर ली तो पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।
यूपी के हरदोई की रहने वाली हत्यारिन नीलम
डीसीपी प्रणव तायल ने बताया कि गिरफ्तार 25 वर्षीय महिला नीलम गुप्ता मूलत: यूपी के हरदोई इलाके में गांव सुंदाबल की निवासी है। वह अपने पति पंकज गुप्ता के साथ रिठाला गांव में रहती थी। शादी के आठ साल होने के बाद भी उसे कोई बच्चा नहीं था। इसके लिए उसने हरदोई में एक तांत्रिक से मुलाकात कर उससे उपाए पूछा था। इस पर तांत्रिक ने उसे एक बच्चे की बलि देने के लिए कहा था। बच्चे की चाहत में इस महिला ने अंध विश्वास में इस सनसनीखेज वारदात को अंजाम दिया।
ताने से पक चुके कान, गोद लेने को भी नहीं मिला बच्चा
नीलम ने बताया कि शादी के करीब आठ साल बीत जाने के बाद भी उसे बच्चा नहीं हुआ। इस बात को लेकर वो काफी परेशान थी। ससुराल वाले और रिश्तेदार उसे बच्चा नहीं होने पर ताना भी मारते थे। उसने काफी इलाज भी कराया, लेकिन उसे बच्चे का सुख नहीं मिला तो वह मानसिक रूप से काफी परेशान हो गई। इसके बाद उसने तंत्र-मंत्र का सहारा भी लेना शुरू किया। इस क्रम में ही करीब चार साल पहले वह हरदोई गई थी।
जहां उसने एक तांत्रिक से मुलाकात की थी। उस तांत्रिक ने महिला को अपना बच्चा पाने के लिए एक बच्चे की बलि देने का सुझाव दिया था। हालांकि वह इसके लिए पहले तो तैयार नहीं थी। वह चाहती थी कि वह किसी बच्चे को गोद ले ले। इसके लिए भी उसने काफी प्रयास किया। लेकिन जब बच्चे को गोद लेना संभव नहीं हुआ तो उसने फिर तांत्रिक वाले उपाय को करने का फैसला किया।
पड़ोसी के बच्चे पर नजर
इसके लिए उसने कुछ दिनों तक आसपड़ोस के बच्चों को देखा फिर यह तय किया कि वह अपने पड़ोसी के बच्चे की बलि देगी। इसके लिए ही वह उस बच्चे और उसके परिवार के लोगों से रोज मिलती-जुलती थी। ताकि कोई उसपर शक न करे। रिश्ता अच्छा होने के कारण बच्चे का भी उसके घर आना-जाना था। लेकिन वह ऐसा कुछ नहीं करना चाहती थी, जिससे कोई उस पर शक करे। लिहाजा वह बच्चे को अकेला पाने की फिराक में जुट गई। शनिवार को उसने बच्चे को छत पर अकेले देखा तो वह तत्काल उसकी बलि देने मे जुट गई। आनन-फानन में वह बच्चे के पास गई, उसे अपने साथ कमरे में ले गई और पूजा करने के बाद उसका गला घोंट दिया।
इस गंभीर और दिल कोदहला देने वाली घटना के बाद से पुलिस के होस उड़ गये। तलाशी के दौरान नीलम गुप्ता के घर से पूजा पाठ किए जाने के साक्ष्य मिले। जरा सोचिए अपने बच्चे की चाहत में उसने एक मां की गांद सूनी कर दी। आखिर क्यों मरती जा रही है इंसान की आत्मा? क्यों रोबोट होता जा रहा है इंसान? अंधविश्वास के चक्कर में इतना उलझना क्या जायज है? आप हमें पनी राय अवश्य बतायें… आपका इंतजार रहेगा….