Symptoms Causes and Home remedies for Viral fever: किसी भी वायरस की वजह से होने वाला बुखार वायरल होता है। यह विशेषकर मौसम बदलने के दौरान होने वाली बीमारी है, जब भी मौसम बदलता है तब तापमान के उतार-चढ़ाव के कारण हमारे शरीर की प्रतिरक्षी तंत्री कमजोर पड़ जाती है और शरीर जल्दी वायरस के संक्रमण में आ जाता है। मौसम में बदलाव, खान-पान में गड़बड़ी या फिर शारीरिक कमजोरी की वजह से वायरल बुखार होता है।
वायरल बुखार हमारे शरीर के इम्यून सिस्टम यानी रोग प्रतिरोधक तंत्र को कमजोर कर देता है, जिसकी वजह से वायरल के संक्रमण बहुत तेजी से एक इंसान से दूसरे इंसान तक पहुंच जाते हैं। आमतौर पर वायरल बुखार के लक्षण आम बुखार जैसे ही होते हैं लेकिन इसको उपेक्षा करने पर व्यक्ति की हालत काफी गंभीर हो सकती है।
वायरल फीवर होने के लक्षण (Symptoms for viral fever)-
वायरल संक्रमण किसी भी उम्र में हो सकता है लेकिन बच्चों में यह अधिक देखा जाता है। मौसम में बदलाव आने के कारण बच्चों में वायरल बुखार होने की संभावना ज्यादा होती है क्योंकि उनमें रोग प्रतिरोधक क्षमता पूरी तरह से विकसित नहीं होती। ऐसे में बच्चों में थकावट, खाँसी, संक्रामक जुकाम, उल्टी, दस्त जैसे लक्षण देखने को मिलते है और तापमान अधिक होने के कारण डिहाइड्रेशन भी हो सकता है।
मौसम के बदलने के समय वायरल फीवर होता है। जब भी मौसम बदलता है तब तापमान के उतार-चढ़ाव के कारण शरीर का इम्यून सिस्टम थोड़ा कमजोर हो जाता है। इस फीवर से बचने और निजात पाने के लिए दवाईयों के अलावा कई घरेलू उपाय हैं, जिससे जल्द राहत मिल जाती है।
वायरल बुखार होने के कारण (Causes for viral fever) –
- दूषित जल एवं भोजन का सेवन
- प्रदूषण के कारण दूषित वायु में मौजूद सूक्ष्म कणों का शरीर के भीतर जाना
- रोग प्रतिरोधक क्षमता की कमी
- वायरल बुखार हुए रोगी के साथ रहना से भी वायरल बुखार होता है
घरेलू इलाज (Home remedies for viral fever)-
चलिये इनके बारे में जानते हैं।-वायरल बुखार एक वायरस से संक्रमित समस्या है अत इसमें एंटीबायोटिक नहीं देनी चाहिए। यह बुखार कस से कम 3-4 दिन तथा ज्यादा से ज्यादा दो सप्ताह तक रह सकता है। वायरल बुखार के लिए आयुर्वेदीय चिकित्सा श्रेष्ठ है, यह कूपित दोषों को समावस्था में लेकर आती है। हल्दी और सौंठ में काफी एंटी ऑक्सिडेंट गुण पाए जाते हैं, इसलिए इसका काढ़ा बनाएं औऱ दिन में कम से कम दो बार पिएं।
अदरक में एंटी आक्सिडेंट गुण बुखार को ठीक करते हैं. एक चम्मच काली मिर्च का चूर्ण, एक छोटी चम्मच हल्दी का चूर्ण औरएक चम्मच सौंठ यानी अदरक के पाउडर को एक कप पानी और हल्की सी चीनी डालकर गर्म कर लें. जब यह पानी उबलने के बाद आधा रह जाए तो इसे ठंडा करके पिएं, इससे वायरल फीवर से आराम मिलता है।
वायरल फीवर से बचाव के उपाय (Precaution for viral fever)-
- खाने में उबली हुई सब्जियां, हरी सब्जियां खाना चाहिए।
- दूषित पानी एवं भोजन से बचें।
- पानी को पहले उबाल कर थोड़ा गुनगुना ही पिएँ।
- वायरल बुखार से ग्रस्त रोगी के सम्पर्क में आने से बचें।
- मौसम में बदलाव के समय उचित आहार-विहार का पालन करें।
- रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनायें रखने के लिए आयुर्वेदिक उपचार एवं अच्छी जीवन शैली को अपनायें।