अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के प्रमुख महंत नरेंद्र गिरि की मौत के मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने प्राथमिकी दर्ज की है। महंत नरेंद्र गिरि सोमवार को बाघंबरी गद्दी मठ स्थित अपने कमरे में मृत पाए गए। प्रारंभिक पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला है कि नरेंद्र गिरि की मौत फांसी के कारण दम घुटने से हुई है।
प्राथमिकी तब दर्ज की गई थी जब उत्तर प्रदेश सरकार ने नरेंद्र गिरि की मौत की सीबीआई जांच की सिफारिश की थी। यूपी पुलिस की एक जांच के अनुसार, 72 वर्षीय को आखिरी बार सोमवार को दोपहर के भोजन के बाद अपने कमरे में प्रवेश करते देखा गया था। शाम को, जब उनके शिष्यों ने दरवाजा खटखटाया, तो उन्हें कोई जवाब नहीं मिला।
उन्होंने सेल फोन पर बार-बार आ रही कॉल का भी जवाब नहीं दिया गया, जिसके बाद उनके शिष्यों ने दरवाजा तोड़कर कमरे में प्रवेश किया। उन्होंने नरेंद्र गिरि को छत से लटका पाया। जिस कमरे में महंत नरेंद्र गिरि ने अपनी वसीयत लिखी थी, उस कमरे से एक कथित हस्तलिखित सुसाइड लेटर भी बरामद किया गया था
जिसमें कई लोगों के नाम लिखे हैं जिसके कारण उन्होंने सुसाइड की। यह वह लोग है तो उन्हें परेशान कर रहे थे। पुलिस के मुताबिक आठ पन्नों के लंबे सुसाइड लेटर में लिखा है, ‘मैं मर्यादा के साथ जिया, अपमान के साथ नहीं जी पाऊंगा, इसलिए खुद की जान ले रहा हूं।
महंत नरेंद्र गिरि ने अपने सुसाइड नोट में एक “वसीयत” भी लिखा था कि उनके निधन के बाद मठ के साथ क्या करना है। यूपी पुलिस ने महंत नरेंद्र गिरि को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में संदीप तिवारी को दो शिष्यों आनंद गिरि और आध्या प्रसाद सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया था।