मेरठ। अगर आप दोपहिया, तिपहिया जैसे प्रतिबंधित वाहनों से दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे पर आते-जाते हैं तो अब दूसरे रास्ते का विकल्प ढूंढ लें। यह एक्सप्रेस-वे ऐसे वाहनों के चलने के लिए नहीं है। इसलिए एक अप्रैल से जब टोल वसूली शुरू होगी तब ऐसे वाहनों पर कार्रवाई भी शुरू हो जाएगी।
प्रतिबंधित वाहन रोकेंगे मार्शल
प्रतिबंधित वाहनों को रोकने के लिए मार्शल तैनात किए जाएंगे जो सभी प्रवेश स्थानों पर प्रवेश करने से रोकेंगे। पुलिस की भी मदद ली जाएगी। पुलिस भी ऐसे वाहनों को रोकेगी। ट्रैफिक पुलिस प्रवेश स्थानों पर चालान भी कर सकती है। यदि किसी वजह से ऐसे वाहन एक्सप्रेस-वे पर चले भी जाएंगे तो उन्हें आनलाइन चालान भेजा जाएगा।
प्रतिबंधित वाहनों से है हादसे का खतरा
जानकारों का कहना है कि एक्सप्रेस-वे बिना कहीं रुके 100 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से दौड़ते वाहनों के लिए है, लेकिन बाइक, टेंपो, ट्रैक्टर जैसे वाहन मुख्य लेन में आने से इनके सामने चुनौती बन जाते हैं। दुर्घटना करा देते हैं, इसीलिए इन पर प्रतिबंध लगाया गया है। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे के परियोजना निदेशक अरविंद कुमार का कहना है कि जिन वाहनों पर प्रतिबंध लगाया जाता है वह कई स्तरों के अध्ययन के बाद लगाया जाता है। सड़क दुर्घटनाओं से ऐसे वाहन चालकों को खुद बचना चाहिए और दूसरों को बचाना चाहिए। इसलिए प्रतिबंधित वाहन लेकर न जाएं।
प्रतिबंधित वाहन पर कितना लगेगा अर्थदंड, तय नहीं
एक्सप्रेस-वे पर कुछ वाहनों को प्रतिबंधित तो कर दिया गया है, मगर उनके यात्र करने पर कितना अर्थदंड लगाया जाएगा यह अभी तय नहीं हो पाया है। यदि यातायात पुलिस चालान करती है तो वह कितना शुल्क वसूले और यदि आनलाइन चालान भेजा जाता है तो कितना शुल्क उल्लंघन करने वाले से लिया जाए इस पर अभी राजमार्ग मंत्रलय की ओर से निर्णय नहीं हो पाया है। ऐसे में उम्मीद है कि जब तक अर्थदंड तय नहीं हो जाता है तब तक सिर्फ पुलिस व मार्शल की सख्ती से ही रोका जाएगा।