Aradhya Prakashan Meerut: पुस्तक विमोचन में साहित्यकारों ने युवाओं को दिखाई राह
Aradhya Prakashan Meerut: पुस्तक विमोचन में साहित्यकारों ने युवाओं को दिखाई राह

Aradhya Prakashan Meerut: पुस्तक विमोचन में साहित्यकारों ने युवाओं को दिखाई राह

0 minutes, 2 seconds Read

Aradhya Prakashan Meerut: अराध्या प्रकाशन एवं संस्कार भारती की साहित्यिक इकाई स्वामी विवेकानन्द इकाई ने संयुक्त रूप से सदर आर्यसमाज में दो पुस्तकों का विमोचन कराया। कार्यक्रम का शुभारम्भ अतिथि आचार्य संजय याज्ञिक, मनोज वाजपेई, डा. अजयवीर गर्ग, ने संयुक्त रूप से मां सरस्वती के चित्र के सम्मुख दीप प्रज्ज्वलित कर व माल्यार्पण कर किया। इसके बाद सभी अतिथियों ने संयुक्त रूप से बुक आफ लाइफ व यज्ञ का जीवन में महत्व पुस्तकों का विमोचन किया।

कवि सुदेश दिव्य एवं कवि विजय प्रेमी ने दोनों पुस्तकों की समीक्षा विस्तार से करते हुए अपने विचार रखे। उन्होंने बताया कि बुक आफ लाइफ पुस्तक में जीवन को सफल बनाने व स्वास्थ्य रहते हुए अपने माता पिता की सेवा करने पर विशेष बल दिया गया है। पुस्तक में ईश्वर के बाद माता पिता को दूसरा स्थान दिया गया है। अत: हमें सदैव अपने माता पिता की आज्ञा का पालन करते हुए उनकी सेवा करनी चाहिए। उन्होंने किसी भी तीर्थ स्थान पर न जाकर सिर्फ माता पिता की सेवा को ही तीर्थ यात्रा से बढकर बताया है। दूसरी पुस्तक यज्ञ का जीवन में महत्व पर विस्तार से बताया गया है कि हम यज्ञ द्वारा पर्यावरण की रक्षा कैसे कर सकते हैं व खुद को कैसे स्वस्थ्य बनाया जा सकता है। साथ ही यज्ञ से संबंधित सभी मंत्रों को अर्थ सहित करने की विधि का भी वर्णन किया गया है।

कार्यक्रम में संजय याज्ञिक ने उपदेश स्वरूप अपने उदगार व्यक्त किए इसके पश्चात भजन गायक श्रीचंद ने आर्य समाज के भजन सुनाए। कार्यक्रम में दोनों पुस्तकों के लेखक भारत मूल के आस्टेलिया निवासी प्रशांत गोयल ने लाइव अपने विचार व्यक्त करते हुए बताया कि भारत उनकी सांसों में बसता है इसीलिए उन्होंने यह दोनों अनमोल किताबें भारत में भारतवासियों को उपहार स्वरूप भेंट की हैं। वह पूरे कार्यक्रम में परिवार सहित लाइव बने रहे।

कार्यक्रम के दूसरे चरण में कवि सम्मेलन की शुरूआत कवि सुदेश दिव्य ने सरस्वती वंदना करते हुए कहा— तेरे चरणों से नहीं दूर मां, पग धूल सा तेरा दास है। स्वर दायनी स्वर साधनी मधु स्वर की मुझको तलाश है। मुरादनगर से पधारे हास्य कवि प्रमोद लटठ ने सुनाया—पत्नि हमारी शरीर से भारी, एक कुन्तल वेट हिमाचल सा स्टेट सुनाकर श्रोताओं को लोटपोट कर दिया।

कवि चौपट चतुर्वेदी ने सुनाया—फागुन में जो बिछुडे हैं वो सावन में मिलेंगे, भारत में न मिल पाये तो लंदन में मिलेंगे। सुनाकर खूब वाहवाही लूटी। कवि विजय प्रेमी ने सुनाया—अगर आप में आपका ध्यान होता, तो ईश्वर को पाना भी आसान होता। सुनाकर माहौल को भक्तिमय कर दिया। दिल्ली से पधारे राष्टीय गीतकार डा. जय सिंह आर्य ने सुनाया— हो रही इंसानियत नीलाम है संसार में, प्यार का मिलता नहीं पैगाम है संसार में। सुनाकर खूब तालियां बटोरी। डा. सुदेश यादव दिव्य ने सुनाया— शब्द हूं मैं अगर उसका तुम अर्थ हो, मेरे जीवन की तुम ही तो सामर्थ हो। सुनाकर माहौल में प्रेम रस भर दिया।

बिजनौर से पधारे कवि हुक्का बिजनौरी ने पढा—मिलावट के खेल में हम कितना आगे बढ गये, कीडे मारने वाली दवाई में भी कीडे पड गये। सुनाकर देश में फैले भ्रष्टाचार पर तीखे प्रहार करते हुए श्रोताअें को सोचने पर मजबूर कर दिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता संजय याज्ञिक ने की, कार्यक्रम का संचालन कवि सुदेश दिव्य ने किया और कार्यक्रम के संयोजक विजय प्रेमी रहे। कार्यक्रम को सफल बनाने में सुनील शर्मा गायत्री शर्मा, डा. एस.डी. धीमान, विनेश कौशिक, अक्षत यादव, आर्यन यादव, लता बंसल, मंगल सिंह आदि का योगदान रहा।

author

Pratima Shukla

प्रतिमा शुक्ला डिजिटल पत्रकार हैं, पत्रकारिता में पीजी के साथ दो वर्षों का अनुभव है। पूर्व में लखनऊ से दैनिक समाचारपत्र में कार्य कर चुकी हैं। अब ई-रेडियो इंडिया में बतौर कंटेंट राइटर कार्य कर रहीं हैं।

Similar Posts

error: Copyright: mail me to info@eradioindia.com